Gathiya ke Dard Ka Ilaj: बुढ़ापे में आर्थराइटिस एक आम समस्या होती है जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन होती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए अलग-अलग दवाइयों का सेवन करने के साथ ही सही आहार भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि आप भी आर्थराइटिस की समस्या से परेशान हैं तो इन चीजों को खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फिश-
समुद्री मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. ताजी मछली का सेवन करें.
नट्स-
अखरोट, बादाम और काजू जैसे नट्स विटामिन ई, सेलेनियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं जो आर्थराइटिस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं. नट्स को स्नैक के रूप में खाएं या सलाद में डालें.
स्वस्थ तेल
 तेल जो ताजा एवं स्वस्थ हो जैसे कि तिल का तेल, नारियल का तेल एवं ऑलिव ऑयल आपकी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. इन तेलों में विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो आपकी आम दिनचर्या में जोड़ने से आपको बुढ़ापे में अर्थराइटिस से बचाते हैं.


सरसों का तेल
 सरसों का तेल अर्थराइटिस के लिए बहुत उपयोगी है. इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स और ऑमेगा-3 फैटी एसिड इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं. आप सरसों के तेल का इस्तेमाल खाने में, सलाद ड्रेसिंग में या अन्य व्यंजनों में कर सकते हैं.
फलों और सब्जियों का सेवन
अर्थराइटिस रोगियों के लिए फलों और सब्जियों का सेवन अति आवश्यक होता है. ये फल और सब्जियां अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन और मिनरल प्रदान करते हैं 
लहसुन 
लहसुन में पाए जाने वाले सल्फर कम्पाउंड शरीर को आर्थराइटिस के दर्द से बचाता है। इसलिए आप अपने आहार में लहसुन को शामिल कर सकते हैं. आप इसे ताजा लहसुन या लहसुन की चटनी के रूप में भी खा सकते हैं.
 ब्रोकली 
 ब्रोकली एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होता है. यह शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और दर्द को कम करता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)