Strength Training: आप हमेशा से सुनते आ रहे होंगे कि दौड़ने और साइकिल चलाने जैसी फिजिकल एक्टिविटी करने से शरीर स्‍वस्‍थ रहता है और लंबे समय तक जीने की संभावना भी बढ़ जाती है. लेकिन हाल ही में ब्रिटेन के स्टर्लिंग विश्वविद्यालय की एक रिसर्च सामने आई है जिसके मुताबिक, वेटलिफ्टिंग करने से भी लोग लंबे समय तक जीते है. इस रिसर्च में क्‍रूा कहा गया है आइए जानते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वेटलिफ्टिंग और एरोबिक एक्‍सरसाइज है कमाल की चीज! 


इस रिसर्च से ये समझ आता है कि वेटलिफ्टिंग से भी एरोबिक एक्‍सरसाइज की तरह ही फायदा होता है. जैसे ब्‍लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी हार्ट की बीमारी का जोखिम भी कम होता है. इस सर्वे में ये भी पता चला है कि जेंट्स की तुलना में लेडीज को वेटलिफ्टिंग से ज्‍यादा फायदा हुआ है. रिसर्च में पता चला है कि वेटलिफ्टिंग और एरोबिक एक्‍सरसाइज करने से कैंसर के अलावा होने वाली अकाल मृत्यु का जोखिम कम हो जाता है. आपको बता दें कि वे युवा जो वेट नहीं उठाते हैं लेकिन एरोबिक एक्‍सरसाइज करते हैं, उनमें समय से पहले मृत्यु का जोखिम 24 से 34 प्रतिशत तक कम हो जाता है. 


1 लाख लोगों पर हुआ सर्वे 


इस स्‍टडी के मुताबिक, रिसर्चर ने अमेरिका में दस कैंसर सेंटर के 1 लाख पुरुषों और महिलाओं के आंकड़ों का अध्‍ययन किया. इस सर्वे में भाग लेने वालों की औसत आयु 71 साल और औसत शारीरिक भार सूचकांक (बीएमआई ) 27.8 (अधिक वजन) था. आपको बता दें कि बीएमआई यह बताता है कि आपके शरीर का वजन आपकी लंबाई के अनुसार ठीक है या नहीं. इस सर्वे में हार्ट पेशेंट सहित किसी भी वजह से होने वाली मौतों की निगरानी करते हुए एक ग्रुप के लोगों की निगरानी की गई. सर्वे में करीब 23 फीसदी लोगों ने माना कि वे सप्‍ताह में एक से छह बार वेटलिफ्टिंग करते हैं. वहीं, करीब 32 फीसदी लोगों का कहना है कि वे तय सीमा से ज्‍यादा एरोबिक एक्‍सरसाइज करते हैं. 


एक्‍सरसाइज है जरुरी! 


इससे पहले भी कई रिसर्च में साइंटिस्ट हार्ट की वजह से होने वाली मौत के खतरे के बारे में बता चुके हैं. उन्‍होंने कई बार एक्‍सरसाइज की आवश्यकताओं पर जोर दिया है. साल 2003 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के सर्कुलेशन जर्नल में एक स्‍टडी पब्लिश हुई थी, जिसमें गतिहीन जीवनशैली यानी जो कोई एक्टिविटी नहीं कर रहा है. उसमें बताया गया था कि ऐसे लोगों को हार्ट की बीमारी होने के खतरे ज्‍यादा होते हैं. 



ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर