26/11 हमला: पाक अदालत ने भारतीय प्रत्यक्षदर्शियों को पेश करने पर मांगी रिपोर्ट
मुंबई आतंकवादी हमले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंरिक मामलों के मंत्रालय को एक नोटिस जारी कर मामले में 24 भारतीय गवाहों को पेश करने के बारे में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
लाहौर: मुंबई आतंकवादी हमले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंरिक मामलों के मंत्रालय को एक नोटिस जारी कर मामले में 24 भारतीय गवाहों को पेश करने के बारे में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मुंबई में 2008 में हुए इस आतंकी हमले के दस साल पूरे होने जा रहे हैं किन्तु पाकिस्तान में किसी भी सन्दिग्ध को दण्डित नहीं किया जा सका है.
इससे संकेत मिलता है कि यह मामला देश की प्राथमिकता सूची में कभी था ही नहीं. अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ रावलपिण्डी की आतंकवाद निरोधक अदालत ने अदियाला जेल में कल सुनवाई की तथा आतंरिक मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी कर भारतीय गवाहों को पेश करने के बारे में पांच जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा. ’’ उन्होंने कहा कि अभियोजन अधिकारी ने अदालत को बताया कि भारत अपने नागरिकों को पाकिस्तान भेजने को अनिच्छुक है.
अदालत ने मामले की सुनवाई पांच जुलाई के लिए स्थगित कर दी
अदालत ने मामले की सुनवाई पांच जुलाई के लिए स्थगित कर दी. आतंकवाद निरोधक अदालत द्वारा अभियोजन पक्ष के सभी 70 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद से मामले की शायद ही कभी नियमित साप्ताहिक सुनवाई हुई हो. अभियोजन पक्ष के अनुसार यह मामला तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक कि भारत अपने 24 गवाहों को उनके बयान दर्ज करवाने के लिए पाकिस्तान नहीं भेजता है.
लश्कर ए तैयबा मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए उत्तरदायी है
पाकिस्तान ने इस बारे में भारत को लिखा भी है. इसके जवाब में भारत ने लिखा कि पहले पाकिस्तान मुंबई हमले के मुख्य षडयंत्रकर्ता हाफिज सईद के खिलाफ उन साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा चलाये जो उसने उपलब्ध करवाए हैं. पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए उत्तरदायी है.
इस हमले में 166 लोगों की जान गयी थी. लश्कर के सात सन्दिग्धों जकी उर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद एवं युनूस अंजुम पर इस मामले में आरोप लगाये गये हैं. लखवी के अलावा छह अन्य आरोपियों को रावलपिण्डी की अदियाला जेल में रखा गया है. लखवी को 2015 में जमानत मिली थी और उसके बाद से वह किसी अज्ञात स्थल पर रह रहा है.
2008 मुंबई अटैक : 10 प्वाइंट्स में जानें कब-क्या हुआ था
26 नवंबर 2008 की रात को मुंबई शहर गोलियों की आवाज से गूंच उठा. दरअसल शहर में आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के 10 आतंकी घुस चुके थे. यह हमले 26 नवंबर की रात से शुरू हुए 29 नवंबर 2008 तक चले. इन हमलों में 164 लोग मारे गए जबकि 308 लोग घायल हो गए.
1. आठ हमले साउथ मुंबई में हुए. इनमें छत्तीपति शिवाजी टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर कॉलेज के पीछे एक लेन में आठ हमले हुए। मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र में माजगाव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में एक विस्फोट हुआ.
2. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में दो आतंकियों इस्माइल खान और अजमल कसाब ने हमला बोला. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देश के व्यस्तम रेलवे स्टेशनों में से एक है. जिस समय हमला हुआ उस समय भी स्टेशन पर काफी भीड़-भाड़ थी. इस हमले में 54 लोगों की मौत हो गई जबकि 104 लोग घायल हुए.
3. लियोपोल्ड कैफे विदेशी टूरिस्टों में खासा लोकप्रिय है. यहां बड़ी संख्या में विदेश पर्यटक आते हैं. यहां दो आतंकियों ने हमला बोला. इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई.
4. टैक्सियों में दो बम विस्फोट हुए जो टाइमर बम के जरिए किए गए थे. पहला विस्फोट विले पार्ले में 22.40 पर हुआ इसमें ड्राइवर और एक पैसेंजर की मौत हो गई. दूसरा विस्फोट वाडी बंदर में 22.20 और 22.25 के बीच हुआ. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गए.
5.आतंकियों ने दो होटलों - द ताज महल पैलेस होटल और ओबरॉय होटल पर हमला बोला. माना जाता है कि उस समय उस होटल में 350 से ज़्यादा लोग मौजूद थे. यहां हमलावरों ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया. इस हमलें में 32 लोगों को जान गंवानी पड़ी. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों ने दोनों हमलावरों को मार गिराया.
6. द ताज महल पैलेस होटल पर जब हमला हुआ तो वहां डिनर का समय था . आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध गोलियां चलनी शुरू कर दीं. सरकारी आँकड़ों की मानें तो ताजमहल होटल में 31 लोग मारे गए और चार हमलावरों को सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया.
7.आतंकियों ने कामा अस्पताल पर भी हमला बोला. आतंकियों का मकसद मरीजों को मारना था हालांकि हॉस्पिटल स्टाफ ने सभी मरीजों को कमरे में बंद कर दिया. कामा अस्पताल के बाहर ही मुठभेड़ के दौरान आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक काम्टे और विजय सालसकर मारे गए.
8.हमलावरों ने जिस नरीमन हाउस को निशाना बनाया उसे नरीमन हाउस चबाद लुबाविच सेंटर के नाम से भी जाना जाता है. जिस इमारत में आतंकवादियों ने हमला बोला था वह एक यहूदी सेंटर थी. नरीमन हाउस में भी हमलावरों ने कई लोगों को बंधक बनाया था. इस हमले में 6 लोगों की मौत हुई जबकि दोनों आतंकियों को मार डाला गया.
9. सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच चली मुठभेड़ों में 10 में से 9 आतंकवादियों को मार गिराया गया. जबकि एक अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया.
10. 26/11 मुंबई हमले के अकेले जिंदा पकड़े गए गुनहगार अजमल आमिर कसाब को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद पुणे के यरवदा जेल में फांसी दी गई.
इनपुट भाषा से भी