काबुल: तालिबान (Taliban) शिक्षा को लेकर क्या सोच रखता है, इसका अंदाजा उसके शिक्षा मंत्री (Minister of Education) के बयान से हो जाता है. अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री की कुर्सी संभालने वाले शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर (Sheikh Molvi Noorullah Munir) की नजर में पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं. उनका कहना है कि ताकत के आगे शिक्षा मायने नहीं रखती, तालिबानियों ने भी ताकत के बल पर सत्ता हासिल की है.  


इस जिम्मेदारी के लायक हैं Munir?


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तालिबान (Taliban) ने अपनी सरकार का ऐलान कर दिया है. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Hasan Akhund) को जहां प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. वहीं, शिक्षा मंत्रालय की कमान शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर (Sheikh Molvi Noorullah Munir) के हाथों में दी गई है. हालांकि, लगता नहीं है कि मुनीर इसके काबिल हैं. शिक्षा मंत्री का कहना है कि पीएचडी और मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है, क्योंकि मुल्लाओं के पास ड्रिग्रियां नहीं हैं और फिर भी वे सबसे महान हैं’.



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‘मेरे पास भी Degree नहीं है’


अफगानिस्तान (Afghanistan) के शिक्षा मंत्री मुनीर ने कहा कि मौजूदा समय में कोई डिग्री को कोई नहीं पूछता. मैं खुद भी बिना डिग्री के यहां तक पहुंचा हूं. आप देख सकते हैं कि मुल्लाओं और सत्ता में शामिल तालिबानी नेताओं के पास भी ये डिग्रियां नहीं हैं, यहां तक कि कई ने हाईस्कूल भी पूरा नहीं किया है, लेकिन फिर भी वे ताकतवर हैं. आज डिग्री से ज्यादा ताकत मायने रखती है. 


Terrorist संभालेगा गृह मंत्रालय


तालिबान की इस सरकार में आतंकियों को भी शामिल किया गया है. तालिबान ने सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया है. आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क का चीफ सिराजुद्दीन अमेरिका की आतंकी लिस्ट में मोस्ट वॉन्टेड है. अमेरिका ने उस पर लगभग 37 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया है. बताया जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी का नेटवर्क पाकिस्तान से ऑपरेट होता है. दुनियाभर में कई आतंकी वारदातों के पीछे इसका हाथ होने की बात भी सामने आई है.


 


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