Women in Afghanistan: वाह रे तालिबान! महिलाओं को नहीं दे पाया सुरक्षा तो अब कर दिया ये घिनौना काम
Women Atrocities in Afghanistan: साल 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान में 23 सरकारी महिला सुरक्षा केंद्र थे, जिनमें लैंगिक आधार पर हिंसा की शिकार महिलाएं शरण ले सकती थीं. फिलहाल ऐसा कोई केंद्र नहीं है.
Taliban in Afghanistan: साल 2021 में जब से अफगानिस्तान का राज तालिबान के पास आया है, तब से मानवाधिकारों के उल्लंघन और महिलाओं के प्रति अत्याचारों में बेहिसाब इजाफा हुआ है. महिलाओं पर करीब-करीब हर चीज को लेकर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. अब महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम तालिबान उनको जेल भेज रहा है, वो भी उनको लैंगिक हिंसा से बचाने के नाम पर. यूएन की गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
महिला सुरक्षा केंद्र बंद
साल 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान में 23 सरकारी महिला सुरक्षा केंद्र थे, जिनमें लैंगिक आधार पर हिंसा की शिकार महिलाएं शरण ले सकती थीं. फिलहाल ऐसा कोई केंद्र नहीं है. तालिबान की अगुआई वाले प्रशासन के अधिकारियों ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन को बताया कि ऐसे किसी शरण केंद्र की कोई जरूरत नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर किसी महिला के साथ रहने के लिए कोई पुरुष संबंधी नहीं है या पुरुष संबंधी के साथ रहना असुरक्षित है तो तालिबान उन महिलाओं को जेल में भेज रहा है.
अधिकारियों ने पुरुष संबंधियों से यह वादा करने या शपथ लेने के लिए भी कहा है कि वे अपनी महिला संबंधी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को उनकी सुरक्षा के लिए जेल भेजा जा रहा है ठीक उसी तरह जैसे काबुल में नशीली दवाओं के आदी लोगों और बेघर लोगों को रखने के लिए जेलों का इस्तेमाल किया जाता है.
तालिबान राज में महिलाओं की बदतर स्थिति
तालिबान राज में लिंगभेद और मानवाधिकार उल्लंघन के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जबसे तालिबान का राज आया है, तब से महिलाओं और लड़कियां अपने घरों तक ही सीमित हो गई हैं. शिक्षा से लेकर नौकरी तक महिलाओं के देश में बुनियादी अधिकारी भी प्रतिबंधित हो गए हैं. उनके छठी कक्षा से ज्यादा पढ़ाई पर बैन लगा दिया गया है, यूनिवर्सिटी, सार्वजनिक जगहों, पार्क और नौकरियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर उनको 72 किलोमीटर से अधिक का सफर करना है कि तो किसी पुरुष संबंधी को साथ ले जाना होगा और ड्रेस कोड का पालन करना होगा.
(AP इनपुट के साथ)