जिनेवा: WHO ने कहा था कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के बिना लक्षण वाले मरीजों (asymptomatic carriers) से संक्रमण फैलने का खतरा 'बहुत कम' होता है. WHO ने अब यह स्पष्ट किया है कि 'ऐसा बहुत कम, यानी केवल दो या तीन अध्ययनों के आधार पर कहा गया था.' 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन करखोव ने जेनेवा में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि-'हमारे पास उन देशों की कई रिपोर्ट हैं जो बहुत विस्तृत रूप में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं. वे एसिम्प्टोमैटिक मामलों पर नजर रख रहे हैं. और उन्हें इसमें सेकेंडरी ट्रांसमिशन दिखाई नहीं दे रहा है.'


मारिया वैन ने कहा कि- 'ऐसा बहुत ही कम देखने में आता है कि एक एसिम्प्टोमैटिक व्यक्ति वास्तव में किसी दूसरे व्यक्ति को आगे संक्रमित करे.'


हालांकि, मारिया करखोव मंगलवार को अपनी बात से पलट गईं.  उन्होने कहा- 'मैंने कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिनका जिक्र किया था वो बहुत कम अध्ययन थे - कुछ दो या तीन प्रकाशित अध्ययन, जो वास्तव में एसिम्प्टोमैटिक मामलों पर नजर रख रहे थे. इसलिए जो लोग समय के साथ संक्रमित हुए हैं, उनके सभी संपर्कों को देखें और देखें कि कितने अतिरिक्त लोग संक्रमित हुए.'


 



उन्होंने कहा कि- 'ये तो अध्ययनों का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है. इसलिए मैं तो केवल एक प्रश्व का जवाब दे रही थी, मैं WHO की नीति नहीं बता रही थी.'


उन्होंने ये भी कहा कि-"ये किसी को नहीं पता, कुछ मॉडलिंग समूहों ने अनुमान लगाने की कोशिश की है कि संक्रमण फैलाने वाले एसिम्प्टोमैटिक लोगों का अनुपात क्या है.'