Boris Johnson India Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) के बीच होने वाली महत्वपूर्ण मीटिंग से पहले, यूके ने कहा है कि वह भारत को लड़ाकू विमान बनाने के लिए आवश्यक तकनीक प्रदान करेगा. ब्रिटेन का ये ऑफर ऐसे समय आया है जब मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भी 'मेक इन इंडिया' पर फोकस कर रही है. 


रूस को अलग करने का प्रयास?


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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यूके, युद्ध जीतने वाले लड़ाकू विमानों के बारे में अपना ज्ञान और तकनीक भारत के साथ साझा करने को तैयार है. ब्रिटेन के इस ऑफर को रूस पर भारत की निर्भरता कम करने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है. बता दें कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा मॉस्को से पूरा करता है.  


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Indian Ocean में मदद का वादा


यूके के बयान में आगे कहा गया है कि हिंद महासागर में खतरों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए भारत की तकनीकी संबंधी जरूरतों में भी लंदन मदद करेगा. गौरतलब है कि इस क्षेत्र में चीन (China) की उपस्थिति पिछले कुछ समय से काफी बढ़ गई है. इसके मद्देनजर यूके ने पिछले साल कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को हिंद महासागर में तैनात किया था, जो इंडो-पैसिफिक को लेकर उसकी बदलती रणनीति को दर्शाता है.



‘इंडिया-यूके की साझेदारी अहम’


PM मोदी से मुलाकात से पहले, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि दुनिया को निरंकुश ताकतों के बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जो लोकतंत्र को कमजोर करना चाहती हैं, स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यापार को रोकना चाहती हैं और संप्रभुता को कुचलना चाहती हैं. ऐसे में भारत और ब्रिटेन की साझेदारी बेहद अहम है. गौरतलब है कि जॉनसन दो दिवसीय भारत दौरे पर आए हैं.