वॉशिंगटन: यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस (Ukraine-Russia War) को सबक सिखाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास कर रहा है. यूएस ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भारत के भी संपर्क में हैं, ताकि नई दिल्ली के जरिए मॉस्को पर दबाव बनाया जा सके. US ने एक बार फिर कहा है कि वो रूसी आक्रमण के खिलाफ खड़े होने के लिए भारत के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है और चाहता है कि वे सहयोग करें. 


जेन साकी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस


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न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का कहना है कि वो भारतीय नेताओं (Indian Leaders) को रूसी आक्रमण के खिलाफ साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है. इस संबंध में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आप जानते हैं कि हम भारत के नेताओं के साथ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के कई चैनलों के जरिए संपर्क में हैं. हम भारतीय नेताओं को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन पर आक्रमण के खिलाफ साथ खड़े होने के लिए लगातार प्रोत्साहित करते रहे हैं’.


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वोटिंग से बचता रहा है भारत


रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर भारत अब तक निष्पक्ष रुख अपनाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी रूस के हमले की निंदा से जुड़े कई प्रस्तावों पर वोटिंग हुई, जिससे भारत ने दूरी बनाए रखी. भारत हर बार ये कहता रहा है कि कूटनीतिक बातचीत के जरिए मसले को सुलझाया जाना चाहिए. कुछ हद तक अमेरिका भी समझता है कि भारत रूस पर अपने रक्षा हथियारों को लेकर बहुत हद तक निर्भर है. यूएस की तरफ से पिछले दिनों कई ऐसे बयान सामने आए हैं जिससे स्पष्ट होता है कि वो रूस को लेकर भारत की मजबूरी को समझता है. 


सामरिक सहयोग में हुआ इजाफा


यूक्रेन संकट के बीच भारत और अमेरिका में सामरिक सहयोग काफी बढ़ा है. पिछले हफ्ते अमेरिकी संसद में यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल जॉन क्रिस्टोफर एक्विलिनो ने भारत को बड़ा साझेदार बताया और कहा कि भारत-अमेरिका के सैन्य संबंध शायद अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं. उन्होंने कहा था कि अमेरिकी के लिहाज से मुझे लगता है कि जब हम हिंद-प्रशांत में अपनी रणनीति के बारे में सोचते हैं तो भारत हमारे लिए एक बेहद जरूरी भागीदार है.