रियाद: सऊदी अरब (Saudi Arabia) के एक प्रमुख अखबार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को लेकर कुछ ऐसा लिख दिया है, जिसे पढ़ने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को मिर्ची लगनी तय है. ‘सऊदी गजट’ (Saudi Gazette) में जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा गया है कि अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनके प्रति युवकों ने सकारात्‍मक रुख दिखाया है. बता दें कि पाकिस्तान यही कहता आया है कि धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर में स्थिति बेहद खराब हो गई है.


गलत निकली Violence की आशंका


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‘सऊदी गजट’ (Saudi Gazette) ने लिखा है कि घाटी के नौजवान नए भारत की प्रगति और संपन्‍नता का हिस्‍सा बनना चाहते हैं. एक जमाने में कश्मीरी युवाओं की पहचान पत्थरबाजों के रूप में होती थी, लेकिन धारा 370 हटने के बाद वह मुख्यधारा से जुड़कर अपना जीवन संवारने का प्रयास कर रहे हैं. अखबार ने यह भी कहा है कि जब अनुच्‍छेद 370 (Article 370) हटाने का फैसला लिया गया, तो वैश्विक तौर पर यह आशंका थी कि राज्य हिंसा और अशांति की भेंट चढ़ सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके विपरीत, युवाओं ने इस ऐतिहासिक परिवर्तन का बहुत सकारात्मक रूप से जवाब दिया है. 


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मजबूत संबंधों को दर्शाती है Report


सऊदी गजट सऊदी अरब का एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार है. अपनी रिपोर्ट में अखबार ने आगे लिखा है, ‘जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं. यहां तक कि 5 अगस्त, 2019 के बाद आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों को भी मुख्य धारा में लाया जा रहा है. ‘सऊदी गजट’ की यह रिपोर्ट भारत और सऊदी अरब के मजबूत होते रिश्तों को दर्शाती है. पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर सऊदी अरब को भड़काने की कई कोशिशें की हैं, लेकिन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हर बार उसे अनसुना कर दिया है.  


Scholarship Scheme का भी जिक्र


अखबार ने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए केंद्र सरकार की विशेष छात्रवृत्ति योजना ने कई गरीब युवाओं को देश के पेशेवर कॉलेजों में प्रवेश पाने में मदद की है. उनमें से कई डिग्री हासिल करके विदेशों में नौकरी भी कर रहे हैं. भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपने निर्णयों में दृढ़ रही है कि इस क्षेत्र को अनिश्चितता के दलदल से निकाला जाए. रिपोर्ट में घाटी के युवाओं को रोजगार के लिए प्रदान की जाने वाली ट्रेनिंग का भी जिक्र है. साथ ही यह भी बताया गया है कि पर्यटकों को भी अब कश्मीर जाना ज्यादा सुरक्षित लगने लगा है.