Asean Country in South China Sea:  आसियान (ASEAN) ने मंगलवार को अपना पहला संयुक्त नौसैन्य अभ्यास ऐसे समय में शुरू किया जब कई सदस्य देश क्षेत्र में बढ़ती चीनी आक्रामकता पर अधिक मजबूती से प्रतिक्रिया दे रहे हैं.  इंडोनेशियाई सैन्य प्रमुख एडमिरल युडो मार्गोनो ने कहा कि आसियान सॉलिडेरिटी एक्सरसाइज’ नाम के गैर-युद्धक अभ्यास में संयुक्त समुद्री गश्ती अभियान, खोज और बचाव अभियान तथा मानवीय व आपदा राहत शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के नातुना जलक्षेत्र में पांच दिवसीय अभ्यास का उद्देश्य आसियान देशों के बीच सैन्य संबंधों को बढ़ावा देना और अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना है.


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दक्षिण चीन सागर में अभ्यास


अभ्यास में मानवीय राहत और आपदा रोकथाम में शामिल नागरिक संगठन भी शामिल हैं.आसियान देशों ने पहले भी अन्य देशों के साथ नौसैन्य अभ्यास में भाग लिया है  जिसमें अमेरिका और चीन दोनों शामिल हैं  लेकिन इस सप्ताह के अभ्यास में केवल यही संगठन शामिल है और कई लोगों द्वारा इसे चीन के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. चीन की ‘नाइन-डैश लाइन’, जिसका उपयोग वह दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपने दावे का सीमांकन करने के लिए करता है और इसकी वजह से दूसरे दावेदारों वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और फिलीपीन के साथ तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए हैं. 


क्या है दक्षिण चीन सागर विवाद


दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में कई संप्रभु राज्यों, अर्थात् पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC), ताइवान (ROC), ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम द्वारा क्षेत्र में परस्पर विरोधी द्वीप और समुद्री दावे शामिल हैं. समुद्र के दक्षिणी भाग में चीन, ताइवान और वियतनाम लगभग 200 स्प्रैटली द्वीपों में से प्रत्येक पर दावा करते हैं जबकि ब्रुनेई, मलेशिया और फिलीपींस उनमें से कुछ पर दावा करते हैं. वियतनाम द्वीप इस श्रृंखला में सबसे अधिक भूमि पर कब्जे का दावा करता है. ताइवान का कब्जा सबसे बड़ा हैनौ-डैश लाइन जिसे ताइवान द्वारा ग्यारह-डैश लाइन भी कहा जाता है, विभिन्न मानचित्रों पर रेखा खंडों का एक सेट है जो पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीन गणराज्य के दावों के साथ है.


(एजेंसी इनपुट- भाषा)