इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार (21 सितंबर) को अपने अधिकारिक फेसबुक पेज में एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि 'पीपुल्स पार्टी ऑफ पाकिस्तान के नेता आसिफ अली जरदारी को बेनजीर भुट्टो की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा मिला.' मुशर्रफ ने यह वीडियो ऐसे समय पोस्ट किया है जब कुछ दिन पहले ही उन पर बेनजीर भुट्टो की हत्या में संलिप्तता का आरोप तय किया गया है. मुशर्रफ ने भुट्टो-जरदारी के तीनों बच्चों, भुट्टो परिवार और सिंध के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "आसिफ अली जरदारी भुट्टो परिवार की तबाही के लिए जिम्मेदार हैं और वह बेनजीर और मर्तजा भुट्टो की हत्या में संलिप्त हैं."


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पूर्व सैन्य प्रमुख ने कहा, "जब भी कोई हत्या होती है तो सबसे पहले यह देखना चाहिए कि इससे सबसे ज्यादा फायदा किसे हो रहा है. इस मामले में, मेरे पास खोने के लिए सब कुछ था. मैं सत्ता में था और इस हत्या से मेरे सरकार के लिए परेशानी पैदा हो गई थी." उन्होंने कहा कि बेनजीर की हत्या के बाद एक ऐसा आदमी था जिसे सब कुछ मिलने वाला था और वह आसिफ अली जरदारी था. जरदारी पांच सालों तक सत्ता में रहे, फिर उन्होंने क्यों नहीं इस मामले पर ज्यादा ध्यान दिया या इस दौरान जांच प्रक्रिया सक्रिय क्यों नहीं थी, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जरदारी खुद बेनजीर की हत्या में शामिल थे.


उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच पर अगर ध्यान दिया जाए तो, 'सबूत से साफ है कि बैतुल्लाह महसुद और उसके लोग इस हत्या में शामिल थे, लेकिन इन लोगों को ऐसा करने के लिए आदेश किसने दिए, यह मैं नहीं हो सकता क्योंकि यह समूह मुझसे और मैं इससे नफरत करता था. इस समूह ने बाद में मुझे भी मारने के प्रयास किए." रावलपिंडी की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने 31 अगस्त को तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के पांच कथित आतंकवादियों को बेनजीर हत्याकांड में बरी कर दिया था. दो सुरक्षा अधिकारियों को दोषी बताया था और मुशर्रफ को मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया था.


27 दिसंबर 2007 को एक चुनावी रैली के दौरान रावलपिंडी के लियाकत बाग में बंदूक और बम हमले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की प्रमुख और दो बार प्रधानमंत्री रह चुकीं बेनजीर सहित 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे.