Asteroid Bennu: रहस्यों से भरा है क्षुद्र ग्रह, 4.3 घंटे में पूरा हो जाता है दिन-रात का चक्र, सुबह 127, तो रात में -23 डिग्री तापमान
NASA Research: नासा ने कुछ समय पहले ओसारस रेक्स (OSIRIS-REx) यान क्षुद्र ग्रह बेनु (Bennu) की सतह पर उतारा था. वहां से जिस तरह की जानकारी यह यान भेज रहा है उससे वैज्ञानिक भी हैरान हो रहे हैं. अभी साइंटिस्ट कुछ दिन और करेंगे स्टडी. इसके बाद शुरू होगी यान को धरती पर लाने की कोशिश.
Asteroid Bennu Mystery: नासा (NASA) अंतरिक्ष खोज को लेकर काफी सक्रिय है और उसकी तरफ से लगगातार कोई न कोई अभियान चालाया जाता है. कभी मंगल ग्रह पर तो कभी चांद पर या फिर अंतरिक्ष से संबंधित दूसरी जानकारियों के लिए नासा यान भेजता रहता है. इसी कड़ी में उसने ओसारस रेक्स (OSIRIS-REx) यान क्षुद्र ग्रह बेनु (Bennu) की सतह पर उतारा था. यह यान जब से बेनु की सतह पर उतरा है, तब से ही साइंटिस्ट को हैरतअंगेज जानकारियां भेज रहा है. इन्हें देखकर वैज्ञानिक भी चौंक रहे हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या है इस ग्रह पर जो वैज्ञानिक भी दंग हो रहे है.
यहां 10 हजार साल में आ जातीं हैं चट्टानों में दरारें
रिपोर्ट के मुताबिक, ओसारस रेक्स यान से भेजे गए डेटा से पता चला है कि पृथ्वी के मुकाबले इस क्षुद्र ग्रह पर सूर्य की तपिश ज्यादा है. यहां सिर्फ 10,000 से 100,000 वर्षों में ही चट्टानों पर दरारें आ जाती हैं. यूनिवर्सिटी कोटे डी’ज़ूर फ्रांस के वरिष्ठ वैज्ञानिक मार्को डेल्बो ने कहा कि, आम जिंदगी में 10 हजार साल सुनने में बहुत लंबा समय लग सकता है, लेकिन भूवैज्ञानिक रूप से यह बहुत कम समय है. उन्हें यह जानकर काफी हैरानी हुई कि क्षुद्रग्रहों पर इतनी जल्दी कैसे कोई चट्टान टूट और फिर से बन सकती है. हालांकि ऐसा तापमान में तेजी से होने वाले बदलाव की वजह से होता है.
बहुत छोटा है दिन-रात का चक्र
उन्होंने बताया कि, बेनु को लेकर और भी कई दिलचस्प जानकारियों मिली हैं. जैसे, वहां हर 4.3 घंटों में दिन और रात का चक्र चलता रहता है. दिन के समय में बेनु का टेंपरेचर करीब 127 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है, जबकि रात में यह माइनस 23 डिग्री सेल्सियम होता है. इतनी तेजी से तापमान में होने वाले बदलाव की वजह से भी चट्टानों पर ऐसा असर दिखता है.
2023 तक धरती पर आ जाएगा सैंपल
नासा के वैज्ञानिक फिलहाल यान द्वारा भेजी गई तस्वीर और अन्य जानकारियों पर स्टडी कर रहे थे. अब करीब एक हफ्ते में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या यह यान वहां से और सैंपल जुटाने में कामयाब हुआ या फिर से कोशिश करनी होगी. वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर यह सफल होता है तो वर्ष 2023 में यान नमूना लेकर धरती पर लौटेगा. यान को बेनु की कक्षा से सतह के करीब पहुंचने में करीब साढे चार घंटे का समय लगा.
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