Work From Home News: ऑस्ट्रेलिया से नाता रखने वाली सुजी चीको अब इंश्योरेंस ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का हिस्सा नहीं हैं. वो पिछले 18 वर्षों से अपनी सेवा दे रही थीं लेकिन मामला तब खराब हुआ जब इंश्योरेंस कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम परफॉर्मेंस को चेक करने का फैसला किया. की स्ट्रोक तकनीक के जरिए कंपनी ने उनके परफॉर्मेंस को चेक किया और पाया कि वो मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं और बाहर का रास्ता दिखा दिया. कंपनी के इस फैसले के खिलाफ चीखो ने अपील भी की लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. ऑस्ट्रेलिया फेयर वर्क कमीशन ने माना कि मानकों पर चीको खरा नहीं उतर रही थीं. इंश्योरेंस कंपनी ने वैध आधार पर ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया.


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बर्खास्तगी की वजह गैरजिम्मेदारी


आउटलेट के मुताबिक चीको अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बीच बीमा दस्तावेज बनाने, नियामक समय सीमा पूरा करने और घर से काम पर निगरानी के लिए जिम्मेदार थीं. 2023  की शुरुआत में समय सीमा और बैठकों से चूकने, अनुपस्थित रहने और ना संपर्क को आधार बनाकर कंपनी ने निकाल दिया था. उद्योग नियामक ने उनकी कंपनी पर जुर्माना लगाया था.मार्च के महीने में चीको ने एफडब्ल्यूसी में दावा किया कि उनके नियोक्ता के पास उन्हें नौकरी से हटाने की पूर्व-निर्धारित योजना थी और उसके मानसिक स्वास्थ्य को आधार बनाया गया. लेकिन FWC की जांच में पाया गया कि चीको को गलत आचरण की वजह से निकाल दिया गया था.


देर से लॉग इन ने छीन ली नौकरी


फर्म ने पाया कि चीको ने 47 दिनों में देर से काम शुरू किया 29 दिनों में जल्दी समाप्त किया और 44 दिनों तक अपने निर्धारित घंटों में काम नहीं किया. 7 न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह भी पता चला कि 4 दिनों में उसने शून्य घंटे काम किया. चीको ने अपनी निगरानी की अवधि में प्रति घंटे औसतन 54 स्ट्रोक किए जिससे पता चला कि वह काम के लिए उपस्थित नहीं हो रही थीं और जरूरत के हिसाब से काम भी नहीं कर रही थीं. हालांकि चीको ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अपने निर्धारित घंटों से कम काम किया. वो कहती हैं कि कभी-कभी लॉग इन करने के लिए अन्य उपकरणों का उपयोग करती थीं. चीको ने आरोपों के समर्थन में पेश आंकड़ों को भ्रमित करने वाला बताया था साथ ही सटीकता पर भी सवाल उठाया था लेकिन एफडब्ल्यूसी के उपाध्यक्ष थॉमस रॉबर्ट्स ने कहा कि सबूतों से पता चलता है कि निगरानी के दौरान चीको अपने निर्धारित कार्य घंटों के दौरान काम नहीं कर रही थीं जैसा कि उन्हें करना जरूरी था. आउटलेट के मुताबिक आवेदक को कदाचार के वैध वजहों से बर्खास्त किया गया.