Bangladesh Latest News: बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हमले और अत्‍याचारों की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा हो रही है. भारतीय मीडिया और सरकार ने भी इस पर सख्‍त रुख अपनाया है. हिंदुओं पर हमलों, मंदिरों को तोड़ने, देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ने की खबरें, वीडियो न्‍यूज चैनल पर दिखाए जा रहे हैं. इससे डरकर बांग्‍लादेश के इस्‍लामिक कट्टरपंथी दहशत में आ गए हैं और आनन-फानन में कोर्ट पहुंच गए हैं. इनकी मांग है कि बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर बैन लगाया जाए. Zee News प्रमुखता से बांग्‍लादेश में हिंदुओं और अल्‍पसंख्‍यकों पर हो रहे अत्‍याचारों की खबरें देश-दुनिया में पहुंचा रहा है.


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धारा 26 के तहत रोक की मांग


बांग्‍लादेशी वकील एखलास उद्दीन भुइयां ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की है. कोर्ट में दाखिल याचिका में केबल टेलीविजन नेटवर्क ऑपरेशन एक्ट 2006 की धारा 26 के तहत सभी भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही याचिका में पूछा गया है कि बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाने का निर्देश देने वाला नियम क्यों नहीं जारी किया जाना चाहिए.


 



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नियम पालन ना करने का दिया हवाला


कोर्ट में दाखिल याचिका में जी बांग्ला समेत कई भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाने की मांग की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि भारतीय चैनलों पर भड़काऊ खबरें प्रसारित की जा रही हैं और बांग्लादेशी संस्कृति का विरोध करने वाली सामग्री का प्रसारण किया जा रहा है. ये चैनल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. याचिका में सूचना मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सचिव, बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है.


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चिन्‍मय प्रभु की सुनवाई 1 महीने टली


बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. बांग्‍लादेश के कोर्ट उनकी जमानत के मुद्दे पर सुनवाई तक नहीं करना चाहते हैं. मंगलवार को चिन्‍मय प्रभु की जमानत याचिका की सुनवाई होनी थी लेकिन उनकी तरफ से दलील रखने के लिए कोई वकील मौजूद नहीं था, क्‍योंकि इस्‍लामिक कट्टरपंथियों ने एक दिन पहले ही उनके वकील रामेन रॉय पर जानलेवा हमला कर दिया था. रॉय अस्‍पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.


इसके बाद कोर्ट ने इस्‍कॉन के पुजारी चिन्‍मय कृष्‍ण दास की जमानत मामले की सुनवाई सीधे 1 महीने के लिए टाल दी. यानी कि अब कम से कम 2 जनवरी तक चिन्‍मय दास जेल में रहेंगे.