Bangladesh violence top developments Sheikh Hasina news: बांग्लादेश हिंसा (Bangladesh violence) की आग में सुलग रहा है. हिंसा के बीच हालात खराब हैं. ढाका में लूट मची है. लाखों प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया. इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में हैं. मिलिट्री के हेलिकॉप्टर से वो अगरतल्ला पहुंची. अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि वो लंदन जा सकती हैं या दिल्ली में शरण मांग सकती हैं. शेख हसीना, बांग्लादेश की अवाम के नाम VIDEO संदेश जारी कर सकती हैं.


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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हसीना ने इस्तीफा दे चुकी हैं. आरक्षण को लेकर एक महीने से जारी बवाल के बाद आखिर ये नौबत आ गई कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा है. इस बीच बांग्लादेश में तख्तापलट की अटकलें भी चल रही हैं. देश के एक बड़े हिस्से में सेना के टैंक कूच कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी पीएम आफिस में लूटमार कर रहे हैं. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि सेना ने खुद हसीना से इस्तीफा मांगा था. सेना प्रमुख ने सभी दलों के नेताओं से बैठक की है. 


'सेना बनाएगी अंतरिम सरकार'


थोड़ी देर पहले सेना प्रमुख देश को संबोधित करके अंतरिम सरकार बनाने की बात की है. बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सोमवार को आदेश दिया. इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी.


हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश आर्मी के चीफ जनरल वकार उज जज्मान ने कहा, 'लोग शांति बनाकर रखें. हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, धैर्य रखिए, इकोनोमी का नुकसान हो रहा है. हमने सिविल सोसायटी की बैठक बुलाई थी. उसमें सब आए थे लेकिन अवामी लीग से कोई नहीं था. सेना शांति बनाए रखने का काम करेगी. मेरा आदेश है कि सेना-पुलिस  गोली नहीं चलाएगी. आज रात तक कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.'


चप्पे-चप्पे पर सेना-इंटनेट बंद


नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में 19 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. सैकड़ों लोग घायल हैं. हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है. सेना अब पूरे देश में तैनात हो गई है.


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हिंसक झड़पें रविवार की सुबह हुईं जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे. अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. बांग्ला भाषा के प्रमुख समाचार पत्र ‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोगों की मौत हो गयी. हिंसा के कारण प्राधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा.


कैसे पलटी बाजी- हसीना के साथ हुआ 'खेला'


‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ ने मंगलवार को ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ आयोजित करने की योजना बनायी थी. आंदोलन के समन्वयक आसिफ महमूद ने रविवार रात को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि देश में बढ़ रही चिंताओं के बीच बुलाई गई आपात बैठक में ये फैसला लिया गया कि आपात फैसले में ‘मार्च टू ढाका’ कार्यक्रम छह अगस्त के बजाय पांच अगस्त को होगा. दूसरे शब्दों में, हम देशभर के छात्रों से सोमवार को ढाका आने का आह्वान कर रहे हैं.’ उन्होंने आम जनता से इसमें भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा, ‘अंतिम लड़ाई का वक्त आ गया है. इतिहास का हिस्सा बनने के लिए ढाका आइए. छात्र एक नया बांग्लादेश बनाएंगे.’