Bangladesh Crisis Update: बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटते ही कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी और पूर्व पीएम खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की मौज आ गई है. वे अब देश में ही नहीं बल्कि बाहर भी उपद्रव फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. न्यूयार्क में रह रहे BNP के समर्थकों ने बांग्लादेश वाणिज्य दूतावास पर धावा बोलकर शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी. 


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दूतावास में घुस गए खालिदा जिया के समर्थक


इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें सिर पर बांग्लादेश का झंडा ओढ़े कई लोग वाणिज्य दूतावास में घुसते और अराजकता फैलाते दिख रहे हैं. दूतावास के अधिकारी उन्हें शांत करने की कोशिश करते दिखते हैं. खालिदा जिया की पार्टी से जुड़े लोग खुद दूतावास में घूम-घूमकर सारी तस्वीरों को हटा देते हैं. 


सोमवार को पीएम आवास में घुस गए प्रदर्शनकारी


बता दें कि सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारी ढाका की सड़कों पर उतर आए थे और पीएम आवास की ओर कूच कर दिया था. ऐसी परिस्थिति देख सेना ने भी शेख हसीना का साथ छोड़ दिया और उन्हें आखिकार सेना के दबाव में पीएम पद से इस्तीफा देकर वहां से निकलकर भारत आना पड़ा. उनके निकलने के कुछ देर बाद ही हजारों लोगों ने उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया. पीएम के सरकारी आवास का फर्नीचर तोड़ दिया गया. वहां रखा सारा सामान लूट लिया गया. यहां तक कि फ्रिज में रखी कच्ची मछलियां, बकरी और कपड़े तक लूट लिए गए. 



शेख हसीना के पैतृक घर और म्यूजियम में तोड़फोड़


प्रदर्शनकारियों में शामिल जमाते ए इस्लामी और बीएनपी के समर्थकों ने शेख हसीना के परिवार के पैतृक घर और संग्रहालय में भी बड़ी तोड़फोड़ की. यह वही म्यूजियम था, जहां उनके पिता, शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी. आंदोलनकारियों ने ढाका में बनी उनकी विशालकाय मूर्ति समेत पूरे शहर में लगी प्रतिमाएं तोड़ दी. इसके साथ ही सभी सरकारी भवनों में लगी शेख हसीना की तस्वीरें भी उतारकर तोड़ दी गईं. 


राष्ट्रपति ने भंग की संसद, खालिदा जिया की रिहाई


शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने प्रेसवार्ता कर ऐलान किया कि जल्द ही देश में एक अंतरिम सरकार बनाएगी. इसके बाद उन्हें प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक की, हालांकि इसमें अवामी लीग के नेताओं को नहीं बुलाया गया. सेना के कहने पर राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा काट रही प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया समेत एक हजार राजनीतिक बंदियों को जेल से रिहा कर दिया. इस बीच, राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की संसद को भंग कर दिया है. वहां पर इसी साल जनवरी में चुनाव हुए थे.