ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ‘‘घृणा’’ से निपटने को लेकर नेताओं की अनिच्छा पर गहरी नाराजगी जाहिर की है. इस बीच क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों में हुए हमले की पृष्ठभूमि में श्वेतों के सर्वोच्च होने की मानसिकता के विरोध में संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया. 


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ट्रूडो ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा ‘‘मैं आज ‘घृणा’ की मानसिकता पर रोशनी डालने और इससे निपटने में हमारी अनिच्छा पर अपने विचार रखने के लिए यहां खड़ा हुआ हूं.’’ 


उन्होंने कहा ‘‘नेता होने के नाते हम कुछ लोग विशेषाधिकार प्राप्त हैं और इस बारे में कुछ करने की हमारी जिम्मेदारी भी बनती है.’’ 


ट्रूडो ने कहा कि पार्टी राजनीति में ,प्रशासन में और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कट्टरता को समर्थन दिए जाने से जटिलता बढ़ती है. ‘‘मैं दुनिया के समान विचारधारा वाले देशों से इस लड़ाई में कनाडा के साथ एकजुट होने का आह्वान करता हूं. मुस्लिम, ईसाई, यहूदी, अश्वेत, श्वेत, हम सभी लोगों को इस घृणा से एक टीम बन कर लड़ना होगा.’’ 


न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में शुक्रवार को दो मस्जिदों में हुई अंधाधुंध गोलीबारी में 50 लोगों की मौत हो गई थी. 


देश की संसद में इस हमले की पृष्ठभूमि में श्वेतों को सर्वोच्च समझने की मानसिकता के विरोध में एकजुट होने का एक प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया. 


(इनपुट- भाषा)