New Social Media Rule: नार्वे सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए नया कानून बनाया है. नया कानून बनने के बाद अब नार्वे में 15 साल तक के बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. सरकार की ओर से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया के लिए न्यूनतम आयु सीमा को दो साल के लिए बढ़ा दिया है. पहले यह उम्र 13 साल थी जो कि अब दो साल बढ़ाकर 15 साल कर दिया है. यानि नया कानून आने के बाद 15 साल से कम उम्र के बच्चे अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.


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नार्वे की सरकार ने यह कमद इसलिए उठाया है, जिससे कि बच्चों को सोशल मीडिया पर मौजूद हानिकारक सामग्री से बचाया जाए. वहां के प्रधानमत्री जोनास गहर स्टोरे ने कहा है, ''बच्चों को सोशल मीडिया पर हानिकारक सामग्री से बचाया जाना चाहिए.''


11 साल के 72 फीसदी बच्चे हैं सोशल मीडिया पर


नार्वे में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले बच्चों की बात करें तो यह काफी चौंकाने वाला है. रिसर्च के मुताबिक नौ साल की उम्र में आधे बच्चे यानि कि लगभाग 50 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. वहीं अगर 10 साल के बच्चों की बात करें तो यह आंकड़ा करीब 58 प्रतिशत है और 11 साल के बच्चों का आंकड़ा तो काफी चौंकाने वाला है. 11 साल के 72 प्रतिश्त बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये हाल तब है जब नार्वे में सरकार की ओर से सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की उम्र 13 साल तय कर दी गई है.


सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे बच्चों के डेटा का कंपनियों की ओर से दुरुपयोग किया जा रहा है. जिसके बाद सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए उपाय शुरू करने का संकल्प लिया है. इसमें व्यक्तिगत डाटा अधिनियम में संशोधन करना शामिल है. जिससे कि जो बच्चे सोशल मीडिया उपयोग कर रहे हैं वे यह समझ सकें कि प्लेटफॉर्म उनके डाटा को संभाल सकता है.


सख्ती के लिए माता-पिता चला रहे थे अभियान


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सख्ती के लिए अभियान भी चलाया जा रहा था. नार्वे सरकार में मंत्री केजेरस्टी टोप्पे ने स्टावेंजर में सख्त ऑनलाइन कानून के लिए अभियान चलाने वाले माता-पिता से मुलाकात करते हुए कहा कि इस उपाय का उद्देश्य माता-पिता की मदद करना भी है.


भारत में क्या स्थिति?
अगर हम बता करें भारत की तो यहां बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा के लिए कोई भी कानून नहीं है. हाल ही में जारी डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम 2023 में बच्चों से संबंधित डाटा गोपनियता के मुद्दों पर चर्चा की गई है. इसमें अनिवार्य किया गया है कि बच्चे के माता-पिता या कानूनी अभिभावक की सहमति प्राप्त की जानी चाहिए.


क्या है ऑस्ट्रेलिया में नियम
ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सरकर के इस कदम से बच्चे सोशल मीडिया से दूर रहेंगे. आयू सीमा अभी तय नहीं की गई है, लेकिन यह 14 से 16 वर्ष के बीच रह सकती है.


फ्रांस
फ्रांस की ओर से 15 साल की आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए स्कूल में फोन पर प्रतिबंध लगाने के लिए परीक्षण कर रहा है. अगर यह सफल रहा थो इसे जनरी से पूरे देश में लागू किया जा सकता है.


अमेरिका
फ्लोरिडा में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया चलाने पर प्रतिबंध है. 14-15 साल के बच्चों को सोशल मीडिया के लिए माता-पिता की मंजूरी लेनी होती है. अमेरिका में इसी साल बिल को पारित किया गया है.