Israeli attack: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जंग चल रहा है. इससे सबसे ज्यादा नुकसान आम लेबनानी लोगों को हुआ है. अब जिस तरह लेबनान में तीन पत्रकारों की मौत हुई है, इसके बाद लेबनान ने इजरायल पर गंभीर आरोप लगाया है. और बताया है कि इजरायल ने पत्रकारों को कैसे मारा है.
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Israel Hamas: किसी ने सही कहा है कि दूसरे की लड़ाई में जबरदस्ती नहीं आना चाहिए, वरना उसका खामियाजा अलग ही होता है. कुछ ऐसा ही हुआ है लेबनान में. हमास से जंग लड़ रहे इजरायल को उकसा कर लेबनान ने दुश्मनी मोल ले ली और अब उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. सबसे अधिक जनता परेशान है. और अब पत्रकारों की भी मौत हो रही है. जानें पूरा मामला.
लेबनान ने 25 अक्टूबर को इजरायली सेना पर तीन पत्रकारों की हत्या करने का आरोप लगाया. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक लेबनानी सूचना मंत्री ने कहा कि इजरायली सेना ने लेबनान के दक्षिणी हसबैया में पहले पत्रकारों के सोने का इंतजार किया और उसके बाद उन पर एयर स्ट्राइक की.
बहुत जुगाड़ से इजरायल ने मारा?
मंत्री मकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अल मायादीन और अल-मनार टीवी चैनलों के मारे गए तीनों पत्रकार दुनिया के सामने इजरायली 'अपराधों' को प्रसारित कर रहे थे. मकारी ने कहा, 'यह एक हत्या है, निगरानी और ट्रैकिंग के बाद, पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध तरीके से की गई, क्योंकि उस स्थान पर सात मीडिया संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 18 पत्रकार मौजूद थे. यह एक युद्ध अपराध है.'
लेबनान के तीन पत्रकार की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक अल मायादीन टीवी ने पुष्टि की है कि दक्षिणी लेबनान में उनके आवास पर इजरायली हमले में मारे गए तीन पत्रकारों में उसके दो कर्मचारी भी शामिल हैं. अल मायादीन ने मारे गए कर्मचारियों की पहचान कैमरा ऑपरेटर घासन नजर और प्रसारण तकनीशियन मोहम्मद रेडा के रूप में की. हिजबुल्लाह से संबद्ध अल-मनार टीवी ने कहा कि उसके कैमरा ऑपरेटर विसम कासिम भी हसबैया शहर पर हुई एयर एयर स्ट्राइक में मारे गए.
लेबनान में हालात खराब
इस बीच इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (आईसीआरसी) ने कहा कि लेबनान में मानवीय मदद तक पहुंच एक चुनौती बनी हुई है. आईसीआरसी लेबनान और गाजा पट्टी दोनों में प्रभावित नागरिकों को मानवीय सहायता प्रदान करने वाले सबसे बड़े संगठनों में से एक है.
12 लाख लोग विस्थापित
रिपोर्ट के मुताबिक आईसीआरसी ने लेबनान में इजरायल के के हमलों के बीच जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक लेबनान में 1.2 मिलियन लोग विस्थापित हैं, जिनमें से कुछ को सड़कों या समुद्र तटों पर रहना पड़ रहा है, और मदद तक उनकी पहुंच सीमित है. लेबनान में 2,000 से ज़्यादा लोगों की मौत के साथ बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं, इनमें से आधी मौतें सिर्फ पिछले महीने हुई हैं.
बर्बाद हुआ लेबनान?
पूरे देश में अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं को बड़ा नुकसान पहुंचा है. दक्षिणी लेबनान में, मेडिकल सेंटर्स को नुकसान पहुँचाया गया है और उन पर बहुत दबाव है, साथ ही हमलों में डॉक्टरों को भी निशाना बनाया गया. दशकों से चली आ रही अस्थिरता ने लेबनान में मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है, और कुछ लोग लगातार डर की स्थिति में रहते हैं. मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है और जबकि आईसीआरसी भोजन, मेडिकल सप्लाई और शेल्टर प्रदान करने पर काम कर रहा है, सुरक्षित पहुंच एक चुनौती बनी हुई है. इनपुट आईएएनएस से