Ecolife artificial womb facility: इन दिनों दुनिया की पहली 'आर्टिफिशियल वॉम्ब फैसिलिटी', एक्टोलाइफ कॉन्सेप्ट सुर्खियां बटोर रही है. बता दें कि इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस तकनीकी के जरिए बच्चों को पैदा करने के लिए मां के गर्भ की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसमें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और ग्रोथ पॉड्स के इस्तेमाल से बच्चे पैदा कराए जाएंगे. अगर यह कृत्रिम गर्भ हकीकत बनती है तो साल 2023 को लेकर बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सही साबित हो जाएगी. इस तकनीकी से वो महिलाएं भी मां बन सकती हैं जिनके गर्भाशय किसी वजह से हटा दिए गए थे. इसके आलावा बांझ दंपत्ती भी संतान सुख का आनंद ले पाएंगे.


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एक्सपर्ट्स ने कही ये बात


बर्लिन के बायोटेक्नोलॉजिस्ट एंड साइंस कम्युनिकेटर हशेम अल-घाइली ने बताया कि यह दुनियाभर के रिसर्चर द्वारा किए गए 50 साल के जबरदस्त वैज्ञानिक रिर्सच पर आधारित है और अब वो दिन दूर नहीं होगा जब इस तरह के बर्थिंग पॉड्स की मांग बढ़ने लगेगी. इस प्रक्रिया में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) का इस्तेमाल किया जाएगा. ग्रोथ पाड्स में बच्चे के नब्ज जैसे दिल की धड़कन, तापमान और ऑक्सीजन लेवल को मॉनिटर करने के लिए सेंसर का यूज किया जाएगा. बर्थिंग पॉड्स से जन्म लेने वाले बच्चों की पूरी तरह से निगरानी की जाएगी. कंपनी मां बाप को एक ऐसा ऐप देगी जो बच्चे के बढ़ने के लाइव फुटेज मुहैया कराएगी. इसके साथ ही महिलाओं को प्रसव के दर्द की पीड़ा नहीं झेलनी पड़ेगी.


बाबा वेंगा ने की थी ये भविष्यवाणी


आपको बता दें कि बाबा वेंगा ने साल 2023 को लेकर भविष्यवाणी की थी कि माता-पिता अपने बच्चे के गुणों और रूप-रंग को पहले निर्धारित कर सकते हैं. बाबा वेंगा ने कहा था कि आने वाले समय में इंसान लैब में पैदा होंगे. अगर दुनिया की पहली कृत्रिम गर्भ सुविधा एक्टोलाइफ हकीकत बनती है तो बाबा वेंगा की लैब बेबी की भविष्यवाणी सच हो जाएगी. आपको बता दें जब से आर्टिफिशियल बर्थ का वीडियो पब्लिक में आया है. इसे लेकर लोगों के बीच चर्चाएं बढ़ने लगी हैं.


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