China-Philippines Dispute: कुदरत का वो खजाना, जिसके लिए बीच समंदर भिड़ गए चीन-फिलीपींस, कहां तक जाएगी ये दुश्मनी?
South China Sea: चीन का जमीन विवाद भी 6 देशों के साथ जारी है और इनमें भारत के साथ-साथ मंगोलिया म्यांमार, लाओस, भूटान, और नेपाल शामिल हैं. एक आंकड़े के मुताबिक चीन ने 6 देशों की करीब 42 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है.जो उसके पूरे इलाके का 43 फीसदी हिस्सा है.
रूस और यूक्रेन...फिर इजरायल और हमास...और उसके बाद अब चीन और फिलीपींस के बीच तनाव भड़क गया है.दक्षिणी चीन सागर में दोनों मुल्क भिड़ गए हैं क्योंकि चीन ने फिर वही हिमाकत की है, जिसके लिए वो जाना जाता है. यानी पहले विवादित इलाके में धौंस जमाना और फिर उस पर दावा ठोकने की कोशिश करना. एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चीन का कोस्ट गार्ड शिप फिलीपींस के तट रक्षक जहाज को टक्कर मार रहा है.
बेहद संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय समुद्री इलाका साउथ चाइना सी में रविवार सुबह-सुबह सिर्फ इन दो जहाजों की टक्कर नहीं हुई है.बल्कि चीन और फिलीपींस के बीच टकराव का नया और खतरनाक सिलसिला शुरू हो गया है.
नया नहीं है विवाद
चीन का पड़ोसी मुल्कों के साथ सीमा विवाद नया नहीं है. फिलीपींस तो उसके रडार पर ही रहता है. लेकिन बोट की इस टक्कर के बाद फिलीपींस ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. हालांकि जवाब चीन की तरफ से भी आया है और अब तो इस विवाद में फिलीपींस की तरफ से अमेरिका भी कूद पड़ा है. लेकिन साउथ चाइना सी में नाव के इस तनाव ने एक बार फिर चीन की उस बड़ी साज़िश की ओर इशारा किया है, जिसके जरिए वो पहाड़ और जमीन से लेकर समंदर तक हर वक्त अवैध कब्जा जमाने और दूसरों के इलाके में अतिक्रमण कर दावेदारी की फिराक में लगा रहता है.
अब आपको चीन और फिलीपींस के बीच पैदा हुए इस विवाद की पूरी कहानी समझाते हैं कि ये विवाद कहां तक जा सकता है. साथ ही चीन किस तरह साउथ चाइना सी में जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहा है.
कुदरत का खजाना है साउथ चाइना सी
साउथ चाइना सी, जिसके भीतर कुदरत ने नेचुरल गैस और मरीन लाइफ का खजाना छिपा रखा है जबकि इसके ऊपर दुनिया का साढ़े तीन ट्रिलियन डॉलर का कारोबार ढोते कई मुल्कों के बेड़े तैरते रहते हैं.
ठीक यहीं पर चीन और फिलपींस के बीच एक बार फिर भिड़ंत हो गई है. दोनों देश के कोस्ट गार्ड बोट टकरा गए हैं. फिलीपींस आर्म्ड फोर्सेज की ओर से जारी तस्वीर में चीन की धौंस साफ-साफ दिखी है.
इन तस्वीरों में नजर आ रहा है कि चीन के कोस्ट गार्ड वेसेल 5203 ने फिलीपींस के कोस्ट गार्ड शिप के करीब पहुंचकर उसे टक्कर मार दी. उस शिप में फिलीपींस कोस्ट गार्ड के जवान भी मौजूद थे.
इतना ही नहीं, इस इलाके में चीन ने एक और हिमाकत की.जब इसके कोस्ट गार्ड बोट और एक मिलिशिया बोट ने फिलीपींस मिलिट्री के सप्लाई बोट के रास्ते को रोकने की कोशिश की.
साउथ चाइना सी के सेकंड थॉमस शोल में चीन की ऐसी उकसाने वाली झड़प ने फिलीपींस को भड़का दिया है. फिलीपींस ने चीन पर नजर टेढ़ी कर ली है. बोट की टक्कर के बाद फिलीपींस ने तल्ख बयान दिया है.
फिलीपींस ने दिखाया सख्त रवैया
फिलीपींस के अधिकारियों ने कहा है कि चीन ने फिलीपींस की संप्रुभता का उल्लंघन किया है. साउथ चाइना सी में चीन की ये हरकत खतरनाक, गैरजिम्मेदाराना और गैरकानूनी है.
जिस अंदाज में बयान जारी किया गया है, उससे लगता है कि फिलीपींस सरकार चीन को चुनौती देने की तैयारी कर रही है. हालांकि इस टकराव के बाद चीन के सरकारी न्यूज चैनल CCTV पर एक खबर चलाई गई, जिसमें फिलीपींस के दावे को गलत ठहराया गया.
खबर में कहा गया कि फिलीपींस के जहाज ने साउथ चाइना सी के रेनाई रीफ के पास अवैध घुसपैठ की है. इस घुसपैठ के खिलाफ फिलीपींस के जहाज को कई बार चेतावनी दी गई थी. लेकिन फिलीपीनी जहाज ने चेतावनी को जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद समुद्री कानूनों के उल्लंघन पर नजर रखने वाले चीनी जहाज के साथ फिलीपींस के जहाज की हल्की टक्कर हो गई.
चीन ने दिया ये बयान
चीन की इस खबर में ये भी दावा किया गया कि फिलीपींस के जहाज ने गैरपेशेवर और खतरनाक तरीके से चीन के जहाज के रास्ते को क्रॉस करने की कोशिश की थी. जाहिर है दोनों देश के बीच तनाव बढ़ता चला जा रहा है. चीन की इस नई हरकत के बाद अमेरिका गुस्से में है.
मनीला में अमेरिकी राजदूत मेरीके कार्लसन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'अमेरिका चीन की ओर से फिलीपींस के वैध सप्लाई मिशन में बाधा पहुंचाने की निंदा करता है. अमेरिका फिलीपींस की संप्रुभता की रक्षा में उसके साथ खड़ा है.
दावेदारी का पुराना है झगड़ा
चीन और फिलीपींस के बीच साउथ चाइना सी में दावेदारी का झगड़ा पुराना है. लेकिन पिछले तीन महीने में ये तीसरा वाक्या है, जब तनाव इस कदर बढ़ा है. 6 अगस्त को फिलीपींस ने आरोप लगाया था कि चीन के जहाज ने फिलीपींस की मिलिट्री सप्लाई वाले जहाज का रास्ता रोका है और उस जहाज पर पानी की बौछार की है.
अगले ही महीने यानि 7 सितंबर को चीन ने एक और उदंडता दिखी. फिलीपींस ने आरोप लगाया कि साउथ चाइना सी में चीन के जहाज का खतरनाक तरीके से मनूवर कर रहे हैं, जिसकी वजह से फिलीपींस के जहाज पर मौजूद क्रू मेंबर्स की जान खतरे में पड़ गई है.
साउथ चाइना सी में चीन दिखाता रहा है अकड़
साउथ चाइना सी में चीन लगातार अपनी दादागीरी दिखा रहा है और अब तो वो इस इलाके में अंतरराष्ट्रीय कानूनों की भी धज्जियां उड़ा रहा है. लेकिन अब तो फिलीपींस के साथ चल रही इस लगातार तनातनी में किसी बड़े टकराव का ट्रेलर दिखाई देने लगा है.
साउथ चाइना सी में चाइना सिर्फ एक शब्द है और बाकी इसमें जो कुछ भी है उस पर चीन का कोई दावा बनता नहीं है. लेकिन फिर भी चीन अपनी मिलिट्री और आर्थिक ताकत की बदौलत इस समुद्री हिस्से को पूरा का पूरा हड़प लेना चाहता है.
ये देश भी आते हैं दायरे में
साउथ चीन सी के दायरे में चीन के अलावा 6 अन्य देश भी आते हैं, जिनका इस समुद्री इलाके पर कुदरती हक बनता है. ये हैं ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई. चीन साउथ चाइना सी में काफी दूर तक अपना दावा ठोकता है. जबकि कुछ दायरा ऐसा है, जिसमें यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी...के तहत एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन आते हैं...और यहीं पर विवाद की कई जड़ें भी मौजूद हैं.
चीन दरअसल साउथ चाइना सी को ठीक अपने बेल्ट रोड इनिशिएटिव यानि BRI की तरह देखता है, जिसमें वो समुद्री रास्तों पर दखल करने की साजिशें रच रहा है. चार दिन पहले ही चीन ने BRI की दसवीं वर्षगांठ मनाई है. इस मौके पर 140 देशों के प्रतिनिधि बीजिंग के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. चीन BRI को बेहद कामयाब बताने की कोशिश करता आया है. लेकिन इतनी संख्या में इन प्रतिनिधियों की आवभगत करने के ठीक 4 दिन बाद चीन ने फिलीपींस के साथ जो हरकत की है, उससे लगता है उसका BRI वाला भरोसा अहंकार में तब्दील हो गया है. हालांकि एक हकीकत ये भी है कि हर बार की तरह चीन को आइना इस बार भी भारत ने ही दिखाया है.
कई देशों के साथ चीन का सीमा विवाद
दरअसल चीन दुनिया का एक ऐसा मुल्क है, जो पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद को साजिशन हवा देता आया है. जिन देशों के साथ चीन का सीमा विवाद है, उसकी फेहरिस्त देखेंगे तो इसका अंदाजा लगते देर नहीं लगेगी. चीन के साथ इस विवाद में 16 देश शामिल हैं. चीन का समुद्री सीमा विवाद 10 देशों के साथ है जिनमें ताइवान, फिलीपींस, जापान, वियतनाम, मलेशिया और साउथ कोरिया बड़े मुल्क हैं.
चीन का जमीन विवाद भी 6 देशों के साथ जारी है और इनमें भारत के साथ-साथ मंगोलिया म्यांमार, लाओस, भूटान, और नेपाल शामिल हैं. एक आंकड़े के मुताबिक चीन ने 6 देशों की करीब 42 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है.जो उसके पूरे इलाके का 43 फीसदी हिस्सा है.
इलाकों पर कब्जा जमाने की रचता है साजिश
पड़ोसियों के इलाके को चीन हमेशा ललचाई निगाह से देखता आया है. चीन वैसे भी सलामी स्लाइसिंग के लिए कुख्यात है. भारत सहित अपने तमाम पड़ोसियों के साथ चीन सलामी स्लाइसिंग के हथकंडा अपनाने कोशिश करता आया है. यानी चीन धमकी और समझौतों के जरिए नए इलाकों पर कब्जा जमाने की साजिश रचता रहता है.
तिब्बत और अक्साई चिन पर कब्जे के लिए चीन यही तरीका अपनाया था. भारत को लेकर भी LAC पर कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश तक चीन की ऐसी मंशा है. लेकिन भारत ने चीन की इन साजिशों का हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया है. 2020 में गलवान में चीन को भारत के साथ की गई हिमाकत का नतीजा अगले कई दशकों तक चुभता रहेगा.