India-US Relations: भारत-अमेरिका संबंध पर बाइडन के बयान से चीन और रूस परेशान, टॉप डिप्लोमैट ने बताया तौर-तरीके कितने अलग
Top US Diplomat Revelations About China and Russia: शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने खुलासा किया है कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों को लेकर चीन और रूस चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि इसी विशिष्टता के कारण राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को ‘इस सदी का निर्णायक संबंध’ बताया है.
Why China and Russia Worried: अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि चीन और रूस दोनो देश भारत-अमेरिका के मजबूत होते संबंधों को लेकर चिंतित हैं. क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय संबंध समाज में विविध आवाजों को महत्व देने के साथ ही समावेशिता, शांति और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हैं. अमेरिकी डिप्लोमैट के इस बड़े खुलासे पर चीन या रूस की ओर से फिलहाल कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है.
चीन और रूस इस साझेदारी को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं?
अमेरिकी प्रबंधन और संसाधन के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने प्रतिष्ठित ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ में भारत-अमेरिका संबंध पर अपना भाषण देने के बाद एक सवाल पर कहा, ‘‘आपको क्या लगता है कि चीन और रूस इस साझेदारी को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं? क्योंकि हम दुनिया के बाकी हिस्सों में जीवन का ऐसा रूप पेश करते हैं, जो समावेशिता, शांति, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, कानून के शासन के बारे में है और यह समाज में हर किसी की आवाज सुनने के बारे में है.’’
विरोधियों के तौर-तरीकों से बहुत अलग है भारत-अमेरिका संबंध
रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध अमेरिका के कुछ विरोधियों के तौर-तरीकों से ‘बहुत अलग हैं.’ उन्होंने कहा कि इसी विशिष्टता के कारण राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को ‘‘इस सदी का निर्णायक संबंध’’ बताया है. ‘क्वाड’ पर एक सवाल के जवाब में वर्मा ने कहा कि इसका मकसद शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है.
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अब अगले साल क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा भारत
टॉप अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह समान विचारधारा वाले देशों के बारे में है.’ अमेरिकी राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने बीते बृहस्पतिवार को बताया था कि बाइडन अगले सप्ताह अपने डेलवेयर स्थित आवास में क्वाड नेताओं के चौथे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. हालांकि, इस साल क्वाड की मेजबानी भारत को करनी थी, लेकिन अब वह अगले साल इस शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा.
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