बीजिंग: जो बाइडेन के शपथ लेने के तुरंत बाद ही चीन ने बड़ा कदम उठाया है. चीन ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति काल में अहम पदों पर रहे 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें सबसे अहम नाम है माइक पोम्पियो का. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे रॉबर्ट सी. ओ ब्रायन पर भी प्रतिबंध लगा दिया. चीन ने चीन-अमेरिका संबंधों को खराब करने और चीन के अंदरुनी मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए इनपर प्रतिबंधों की घोषणा की है.


चीन के विदेश मंत्रालय ने की घोषणा


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राष्ट्र की संप्रभुता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पोम्पियो व अन्य 27 अधिकारियों पर बैन की घोषणा की है. जिसके बाद ये सभी 28 लोग अब चीन की सीमा में किसी भी तरह की यात्रा नहीं कर सकेंगे. चीन ने जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के समय ही इसकी घोषणा की. चीन ने कहा कि ये सभी लोग चीन-अमेरिका के रिश्तों को खराब करने के जिम्मेदार थे. 


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इस लिस्ट में माइक पोम्पियो, रॉबर्ट सी. ओब्रायन, पीटर नेवारो, डेविड स्टिलवेल, मैथ्यू पॉटिंगर, एलेक्स अजर, कीथ क्रैच, केली डी के क्राफ्ट के साथ ही जॉह्न आर बोल्टन, स्टीफन के बैनन का नाम शामिल है. इस घोषणा के तुरंत बाद से ही इन सभी लोगों के साथ ही इनके परिवार के सदस्य भी चीन की मुख्य भूमि के अलावा हांगकांग, मकाऊ में भी प्रतिबंधित कर दिए गए. यही नहीं, लिस्ट में शामिल लोग चीन या चीन की किसी भी कंपनी के साथ व्यापार भी नहीं कर पाएंगे. 


डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने की थी ऐसी कार्रवाई


चीन ने डोनाल्ड ट्रंप के अधिकारियों पर तो बैन लगाया, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप को लेकर किसी भी तरह के कदम नहीं उठाए. चीन के इस कदम को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए उन कदमों का जवाब माना जा रहा है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने चीन के कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसमें शिनजियांग प्रांत के गवर्नर जैसे बड़े नाम शामिल थे. 


चीन ने माइक पोम्पियो को बताया- महाविनाश का पुतला


चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के निवर्तमान विदेश मंत्री माइक पेाम्पियो को बुधवार दिन में ‘‘महाविनाश का पुतला’’ करार दिया था और कहा था कि उनके द्वारा चीन को नरसंहार और मानवता के विरूद्ध अपराध का दोषी करार दिया जाना केवल ‘रद्दी का एक पुर्जा भर है.’


चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन के शिंजियांग क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप लगाना ‘‘एकदम सनसनी फैलाने वाले छद्म प्रस्ताव ’’ हैं और चीन विरोधी दुर्भावना रखने वाले व्यक्ति पोम्पियो की कमान में कम्युनिस्ट विरोधी ताकतों की मनगढंत कहानी है. हुआ ने कहा, ‘‘यह अमेरिकी नेता, जो झूठ बोलने और फरेब करने के लिए कुख्यात है, खुद को ‘महाविनाश का वाहक’ बना रहा है.... ’’ बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी फैसला लेते हुए चीन के शिनजियांग में मुस्लिमों के उत्पीड़न को नरसंहार घोषित कर दिया था. जिसके बाद चीन की ये प्रतिक्रिया सामने आई है.