अमेरिका और चीन में चल रही तनातनी के बीच दोनों देशों लड़ाकू विमान टकराने से बाल-बाल बच गए. एक सेकंड की भी देरी होती तो दोनों देशों के लड़ाकू विमान आपस में टकराकर चकनाचूर हो जाते. जब दोनों लड़ाकू विमान एक दूसरे के सामने से निकले तो दोनों के बीच की दूरी सिर्फ 6 मीटर रह गई थी. हालांकि, अमेरिकी विमान के पायलट की सूझबूझ की वजह से बड़ा हादसा होते-होते बच गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दोनों लड़ाकू विमानों की रफ्तार आवाज की गति से कई गुना ज्यादा है. ऐसे में महज 6 मीटर की दूरी से बच निकलने की ये घटना हैरान कर देने वाली है. घटना 21 दिसंबर की है. चीनी सेना का जे-11 लड़ाकू विमान, अमेरिकी एयरफोर्स के आरसी-135 विमान के सामने आ गया था. 


चीनी सेना का जे-11 विमान की रफ्तार 2500 किलोमीटर प्रति घंटा है. वहीं अमेरिकी आरसी-135 विमान की गति 5500 किलोमीटर प्रति घंटा है, यानी ये विमान एक सेकंड में 1.5 किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है. इस रफ्तार से अगर दोनों विमान टकराते तो भयंकर हादसा होना तय था.


अमेरिका बोला- आगे भी जाते रहेंगे विमान


अमेरिकी सेना की तरफ से जारी बयान में बताया कि उनका विमान साउथ चाइना सी के ऊपर नियमित अभियान पर कानूनी रूप से उड़ान भर रहा था. दरअसल, चीन हमेशा से इस इलाके को अपना क्षेत्र बताता रहा है और उस इलाके में किसी भी देश के विमान की एंट्री होने पर वो उसका पीछा करने से बाज नहीं आता, फिर चाहे विमान अमेरिका का हो या उसके सहयोगी देशों का.


हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिकी विमान के पायलट ने अपनी सूझबूझ की मदद से दोनों विमान को आपस में लड़ने से बचा लिया. हिंद-प्रशांत कमान ने इस घटनाक्रम पर कहा, 'अमेरिकी हिंद-प्रशांत ज्वाइंट फोर्स फ्री और ओपन हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध है. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वह आगे भी जहाजों और विमानों की सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में उड़ान भरना जारी रखेगा. साथ ही इस इलाके में उसके जहाज का भी आवागमन जारी रहेगा.'