Carlo Acutis: कंप्यूटर एक्सपर्ट जिसकी 15 साल की उम्र में हुई मौत, अब बनेगा पहला ‘मिलेनियल संत’
Carlo Acutis Canonization: पोप फ्रांसिस ने गुरुवार को 1991 में लंदन में जन्मे कार्लो एक्यूटिस के नाम से दूसरे चमत्कार को मान्यता दे दी, जिसने एक्यूटिस को संत घोषित करने के योग्य बना दिया .
Catholic Church: ब्रिटेन में जन्मा एक लड़का, जिसकी 2006 में 15 साल की उम्र में ल्यूकेमिया से मृत्यु हो गई थी, कैथोलिक चर्च (Catholic Church) का पहला मिलेनियल (1980 के दशक की शुरुआत से 1990 के दशक के अंत तक पैदा हुआ व्यक्ति) संत (Millennial Saint) बनने जा रहा है.
1991 में लंदन में जन्मे कार्लो एक्यूटिस (Carlo Acutis) एक कंप्यूटर के महारथी थे. उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले चर्च की शिक्षाओं को ऑनलाइन फैलाने के लिए वेवसाइटें डेवलप कीं जिसके बाद से उन्हें ‘God's influencer’ के रूप में जाना जाने लगा. उनकी मृत्यु इटली के मोन्ज़ा में हुई.
संत बनने की राह पर एक्यूटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्यूटिस के लिए संत बनने की राह तब खुली जब कथित तौर पर एक सात वर्षीय ब्राजीलियाई बच्चा एक दुर्लभ अग्न्याशय की बीमारी से उबरा. बीमार बच्चे ने एक्यूटिस की एक टी-शर्ट को छुआ था और एक पुजारी ने बच्चे की ओर से उससे प्रार्थना की थी. पोप द्वारा मूल्यांकन और अनुमोदन के बाद इस सुधार को चमत्कारी माना गया.
बता दें कैथोलिक धर्म में, एक व्यक्ति संत बनने के योग्य है यदि उसके द्वारा दो चमत्कार साबित हो जाते है और जिन्हें पोप द्वारा अनुमोदित किया जाता है.
पोप ने दी दूसरे चमत्कार को मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पोप फ्रांसिस ने गुरुवार को एक्यूटिस के नाम से दूसरे चमत्कार को मंजूरी दे दी, जिसने एक्यूटिस को संत घोषित करने के योग्य बना दिया .
फ़्लोरेंस में एक यूनिवर्सिटी की छात्रा की साइकिल दुर्घटना के बाद मस्तिष्क से खून बहा. उसके परिवार को बताया गया कि लड़की की हालत हालत गंभीर है. जिसके बाद एक्यूटिस की कब्र पर लड़की की मां उसके ठीक होने के लिए प्रार्थना की. कुछ दिनों बाद, उसने दावा किया कि उसकी बेटी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया था और 10 दिन बाद, स्कैन से पता चला कि उसकी मस्तिष्क की चोट गायब हो गई थी.
एक्यूटिस एकमात्र व्यक्ति हैं जिनका जन्म 1990 के दशक में हुआ था जिन्हें संत घोषित किया जाएगा. पोप फ्रांसिस द्वारा संत घोषित किये जाने वाले पिछले व्यक्ति का जन्म 1926 में हुआ था.
(Photo courtesy: vaticannews)