Influenza Vaccination: कोरोना से बचाव में कितनी कारगर है फ्लू की वैक्सीन, स्टडी में चौकाने वाला खुलासा
Coronavirus and Flu study: रिसर्च में दो बातें और ध्यान देने लायक हैं कि इस सर्वे में शामिल सभी हेल्थ वर्कर युवा थे. दूसरा, इस पड़ताल में कोरोना वैक्सीन आने के पहले और ओमीक्रोन जैसे वैरिएंट आने से पहले का डाटा इस्तेमाल किया गया है.
Flue Vaccination prevents from Covid-19: दो साल तक रहस्यमयी तरीके से गायब रहने के बाद इन्फ्लुएंजा (Influenza) वापस आ गया है और आस्ट्रेलिया (Australia) समेत पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. इस साल अभी तक न्यू साउथ वेल्स में ही फ्लू के 15,000 से अधिक मामले आए हैं, जिनमें से 12,000 से अधिक मामले मई की शुरुआत से लेकर अब तक आए हैं.
फ्री वैक्सीनेशन पर जोर
क्वींसलैंड सरकार ने नि:शुल्क फ्लू वैक्सीनेशन (Flu Vaccination) का ऐलान है वहीं न्यू साउथ वेल्स की सरकार भी ऐसा ही फैसला लेने पर विचार कर रही है. इस बीच ऑस्ट्रेलियाई मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष उमर खुर्शीद ने नई सरकार से सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को फ्लू (Flu) का नि:शुल्क टीका उपलब्ध लगवाने का अनुरोध किया है.
कोरोना से बचाता है फ्लू का टीका
इस बीच ठंड का मौसम शुरू होते ही कोविड के मामले बढ़ रहे हैं. अच्छी खबर ये है कि हम जानते हैं कि इन्फ्लुएंजा का टीका फ्लू से बचाव कर सकता है और इंटरनेशनल स्टडी से पता चलता है कि फ्लू का टीका कोविड-19 से भी रक्षा कर सकता है. कतर (Qatar) में 30,774 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के हाल के अध्ययन से पता चला है कि इन्फ्लुएंजा का टीका कोविड से बचाव कर सकता है, खास तौर पर गंभीर स्थितियों में. इन नतीजों का न केवल कोविड पर असर पड़ता है बल्कि नए कीटाणुओं से भविष्य में होने वाली महामारियों पर भी असर पड़ता है.
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इस तुलना से सामने आए नतीजे
रिसर्चर्स ने 2020 के आखिरी तीन महीनों में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए 576 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और संक्रमित नहीं पाए गए 2,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के बीच इन्फ्लुएंजा टीकाकरण दरों की तुलना की थी इस दौरान जिन लोगों ने कोरोना की जांच कराने से कम से कम दो हफ्ते पहले इन्फ्लुएंजा का टीका लिया था, उनके कोविड से संक्रमित पाए जाने की संभावना 30 फीसदी कम थी और गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना तकरीबन 90 फीसदी कम थी.
महामारी के शुरुआती महीनों में जब कोविड टीकों की खोज चल रही थी, तब अनुसंधानकर्ता यह जानने के इच्छुक थे कि क्या मौजूदा टीके सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ कुछ राहत दे सकते हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ऐसे सबूत आ रहे थे कि कुछ टीके अतिरिक्त सुरक्षा भी दे सकते हैं.
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