UK में कोविड टेस्ट करने वाले कर्मचारी ने किया बेहद घिनौना काम, Video बनाकर खुद किया पोस्ट
यूके (UK) के एक स्कूल में चल रहे अस्थाई कोविड टेस्टिंग (Covid Testing) सेंटर में कर्मचारी ने खाली सोप डिस्पेंसर (Soap Dispenser) में बाथरूम की और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.
बेलफास्ट (यूके): पूरी दुनिया कोविड (Covid) के कहर से बचने के लिए तमाम तरह के सुरक्षा उपाय कर रही है, बड़ी लागत लगाकार कोविड वैक्सीनेशन अभियान चलाए जा रहे हैं. वहीं यूके के बेलफास्ट (Belfast) में कोविड टेस्ट (Covid Test) करने वाले कर्मचारी द्वारा एक बेहद निंदनीय काम करने का मामला सामने आया है. यह कर्मचारी एक प्राइमरी स्कूल (Primary School) के खाली सोप डिस्पेंसर में बाथरूम कर रहा था. इसका वीडियो कर्मचारी ने खुद स्नैपचैट पर पोस्ट किया है.
कर्मचारी ने खाली सोप डिस्पेंसर (Soap Dispenser) को अपनी यूरिन से भर दिया और उसे वहीं छोड़ दिया, ताकि उस वॉशरूम को इस्तेमाल करने वाले अन्य लोग उसे सोप समझकर इस्तेमाल कर लें.
स्कूल मालिकों ने दी पुलिस को सूचना
बेलफास्ट में व्हिटरॉक रोड पर जॉन पॉल II प्राइमरी स्कूल में सामने आए इस मामले का खुलासा रविवार की दोपहर को हुआ. इसके बाद स्कूल को बंद कर दिया गया है और स्कूल के मालिकों ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है. साथ ही कर्मचारी के ऐसे घृणित व्यवहार को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है और सोप डिस्पेंसर को भी फेंक दिया गया है. यह स्कूल एक टेम्प्रररी कोविड टेस्टिंग सेंटर है और इसमें में पहले से बुक किए गए अपॉइंटमेंट्स के लिए ही कोविड टेस्ट किए जा रहे थे.
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हर घंटे के मिलते थे 10 पाउंड
मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक इस कर्मचारी को प्रति घंटे 10 पाउंड के हिसाब से भुगतान किया जाता था और वह कितनी भी संख्या में कोविड टेस्ट कर सकता था. कथित तौर पर उसे एएलएस पीपुल एजेंसी द्वारा रखा गया था. जिसने अब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है. वहीं टेस्टिंग सर्विसेज के ऑपरेशंस के हेड जॉर्ज मैकफर्लेन सर्को ने कहा, 'टेस्टिंग साइट पर काम कर रहे एक एजेंसी कर्मचारी द्वारा किया गया यह घृणित और पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हमें बहुत खेद है कि ऐसा हुआ. हमने उसे हटाकर पुलिस को सूचना दे दी है. अब वह फिर से परीक्षण कार्यक्रमों के लिए काम नहीं करेगा.
उन्होंने आगे कहा, 'मुख्य मुद्दा यह है कि यह स्कूल का सोप डिस्पेंसर था और उसे वैसी ही हालत में स्कूल में छोड़ दिया गया था, जहां अगले हफ्ते या उसके बाद से क्लासेस शुरू हो रही हैं और बच्चों द्वारा उसका इस्तेमाल किया जा सकता था. यह भयानक है.'