कोरोना वायरस: Lockdown के बीच इस देश में डॉग खरीदने वालों की लगी होड़, ये है वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, डॉग्स की जानकारी लेने वालों की संख्या में 180 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) लॉकडाउन के बीच यूनाइटेड किंगडम में पप्पीज (Puppies) की मांग में तेजी आई है. इसके पीछे का कारण है लॉकडाउन. दरअसल यूके में लोग परिवार और बच्चों के मनोरंजन के लिए डॉग खरीदना चाहते हैं.
'केनेल क्लब' संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉग्स की जानकारी लेने वालों की संख्या में 180 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है. हालांकि कई जानकारों का मानना है कि सोशल एक्टिविटी की शुरूआत के बाद शुरू होने के बाद इनमें से कई डॉग / पप्पी खत्म हो सकते हैं और लोग आने वाली जिम्मेदारी की गंभीरता को भी समझते हैं.
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कई ब्रीडर ने बताया कि लोगों को पप्पीज के भविष्य का डर है. जबकि कई परिवारों ने लॉकडाउन के दौरान अपना और अपने बच्चों का मनोरंजन करने के लिए डॉग खरीदा है. हालांकि शायद वह उन प्रयासों और पैसे को बारे में नहीं सोच रहे हैं, जो एक डॉग को बढ़ा करने में लगते हैं.
जानकारी के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम में अचानक से डॉग खरीदने की बढ़ी मांग को देखते हुए ब्रीडर (Breeders) ने एक तरीका खोजा है. जिसके तहत वह इच्छुक खरीदारों का पूरा बैकग्राउंड चेक करते हैं. अगर खरीदार के डॉग खरीदने के प्लान में कोई भी कमी होती है, तो ब्रीडर पूछताछ को अस्वीकार कर देते हैं. देश में डॉग की बढ़ती मांग को देखते हुए माना जा रहा है कि रेस्क्यू सेंटर में भी डॉग्स की कमी हो सकती है.
डॉग सेंटर चलाने वालीं बिडेलकॉम्ब ने बताया कि डॉग्स के बारे में पूछताछ करने वालों की संख्या बढ़ गई. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग आकर कहते हैं, 'मुझे नीली आंखों वाला, सफेद साइबेरियन डॉग चाहिए. क्या मैं इसे कल आकर ले जा सकता हूं.'
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