Libya Flood News: लीबिया अपने इतिहास में सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है. बाढ़ की वजह से जहां एक तरफ अब तक 20 हजार लोगों (libya flood deaths)की मौत हो चुकी है वहीं डेरना शहर का आधा हिस्सा खत्म हो चुका है. हालात यह है कि शवों को खोजने में तमाम मुश्किलें आ रही हैं, बचाव अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि समंदर(libya flood reason) का पानी शहर में घुसा और उसकी चपेट में जो आया वो बह गया. किसी को सोचने समझने का मौका तक नहीं मिला. जो लोग बह गए उनके बचने की संभावना ना के बराबर है.


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डेरना शहर पूरी बर्बाद


डेरना शहर के मेयर का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार तक है. अब सबसे बड़ा डर महामारी फैलने का का है, पानी में शव तैर रहे हैं तो सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है. इसकी वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. हालांकि इन सबके बीच विश्व मौसम संगठन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों को टाला भी जा सकता था. समय पर लीबिया को आगाह किया गया था लेकिन लीबिया में गृहयुद्ध की वजह से दो समानांतर सरकारें चल रही हैं और मौसम विभाग सक्रिय नहीं है.


लीबिया में मौसम विभाग सक्रिय नहीं


विश्व मौसम संगठन के मुताबिक अगर लीबिया का मौसम विभाग सक्रिय रहा होता तो लोगों को आगाह किया गया होता. लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा भी जा सकता था. यही नहीं बचाव कार्य के लिए समय मिला होता. कुछ जानकार बताते हैं कि डेरमा शहर पहले से ही खतरे की जद में था. कई बार डैम बनाने का सुझाव भी दिया गया था लेकिन सरकारों ने कभी ध्यान नहीं दिया. डेरमा में तबाही का स्तर कितना भयानक रहा होगा जिसकी गवाह बर्बादी की तस्वीरें हैं. विशाल इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं, हालात ये हैं कि शवों को सामूहिक तौर पर दफनाया जा रहा है