Temporary marriage in Islam: जोड़ियां ऊपरवाला बनाता है. इस कहावत की सच्चाई के बीच हर धर्म में शादी के अलग अलग मायने हैं. हिन्दुओं में विवाह 7 जन्मों का बंधन है तो मुस्लिमों में विवाह एक कॉन्ट्रैक्ट यानी अनुबंध माना गया है. मुस्लिम विवाह (types of marriages in islam) के रीतिरिवाजों में सबसे ज्यादा विचित्र माना जाता है निकाह मुताह (Nikah mutah) यानी अस्थायी विवाह (temporary marriage). आज के आधुनिक दौर में शादी के योग्य लड़के और लड़कियां पहले एक दूसरे को समझते हैं फिर शादी के लिए हां करते हैं. इस चलन से इतर ईरान में, अनगिनत युवा लड़कियों को हर दिन जबरदस्ती प्रेमविहीन शादियों (loveless marriages) में धकेल दिया जाता है. 


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विवाह में दासता और दुर्व्यवहार


'क्रिश्चियन पोस्ट' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां लड़कियों और महिलाओं को बचपन से ही उनकी खूबसूरती और व्यवहार के हिसाब से नियंत्रित किया जाता है. ईरानी महिलाओं को अक्सर कई तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. कई ईरानी युवतियां आज भी दासता भरे माहौल में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. ईरानी लड़कियों और महिलाओं का सामान्य तौर से फैसले लेने की आजादी नहीं है. कट्टरपंथ की आड़ में अनगिनत लड़कियों को कम उम्र में ही वेश्यावृत्ति जैसे दलदल में धकेल दिया जाता है, जिसे अस्थाई शादी का नाम देकर जायज ठहराने की कोशिश की जाती है. ऐसी अधिकांश शादियां घरवालों की मर्जी से होती हैं. 


अस्थायी शादियां 


ईरान में इन अस्थायी शादियों (Iran temporary marriage)  को 'सिगेह' के रूप में जाना जाता है. इस विवाह की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस तरह की शादी चंद मिनटों से लेकर 99 सालों तक चल सकती है. गौरतलब है कि इरान शरिया कानून से चलने वाला वो देश है जहां शादी से पहले संबंध बनाना कानूनन अपराध है. जिसकी सजा के तौर पर कोड़े मारना, पत्थरों से मारना और जेल हो सकती है. अस्थाई शादी की इस प्रथा के खिलाफ ईरान छोड़कर दूसरे देशों में बस चुके लोग अक्सर आवाज उठाते रहते हैं. 


टीनेज में प्रेग्नेंसी बड़ी समस्या


जब लड़कियों की अस्थाई शादी हो जाती है तो वो समय से पहले प्रेग्नेंट हो जाती हैं. उन किशोरियों की ये हालत जबरन शादियों की वजह से होती है. इन शादियों की आखिरी मंजिल कम समय में होने वाला तलाक होती है. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार जो तीर्थयात्री या अन्य यात्री लंबे समय से घर से बाहर हैं, वो इस तरह के विवाह को कर सकते हैं. ये विवाह प्राइवेट और बोलकर से या लिखित तौर पर की जा सकती है. माना जाता है कि जब पुराने दौर में लोग जब अपनी पत्नी से दूर किसी काम से दूसरे शहर जाते थे, तब वो वहां पर अस्थायी विवाह कर लिया करते थे ताकि फिजिकल रिलेशन बना सकें. वहां से लौटते वक्त ऐसे लोग उन महिलाओं और लड़कियों को तलाक दे दिया करते थे.


मर्दों को आजादी


ऐसी शादी के दौरान पति को मेहर यानी दहेज की रकम तय करनी पड़ती है. वो इस शादी को कभी भी तोड़ सकता है. 15 साल या उससे बड़ी उम्र के पुरुष और 13 साल या उससे बड़ी उम्र की महिलाएं अस्थायी विवाह कर सकते हैं. इस शादी के बाद ये जरूरी नहीं कि मर्द अपनी पत्नी की आर्थिक रूप से मदद करे. यहां तक कि मर्द चाहे कितनी भी बार अस्थायी शादी कर सकता है.


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