Ukraine War: यूक्रेन युद्ध में क्या रूस उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है? यह सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है. दरअसल कीव के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी व्हाइट हाउस के पहले के दावे की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को कहा कि रूस ने अपने आक्रमण के दौरान पहली बार उत्तर कोरिया से मिली मिसाइलों से यूक्रेन पर हमला किया है.


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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कीव के वरिष्ठ अधिकारी मायखाइलो पोडोल्याक ने कहा, ‘अब कोई छिपाव नहीं है... अपने पूर्ण नरसंहार युद्ध के हिस्से के रूप में, रूसी संघ ने पहली बार ... उत्तर कोरिया से हासिल मिसाइलों के साथ यूक्रेन के क्षेत्र पर हमला किया.’  हालांकि उन्होंने मिसाइलों के उत्तर कोरियाई होने का सबूत नहीं दिया.


पोडोल्याक ने कहा, ‘(रूस) एक ऐसे देश से प्राप्त मिसाइलों से यूक्रेन पर हमला कर रहा है जहां नागरिकों को अपंजीकृत रेडियो रखने, एक टूरिस्ट से बात करने, टीवी शो देखने के लिए एकाग्रता शिविरों में यातना दी जाती है.’


दूसरी तरफ क्रेमलिन ने अमेरिकी दावे पर टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया कि क्या रूस ने यूक्रेन पर उत्तर कोरिया द्वारा आपूर्ति की गई कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं.


खारकीव क्षेत्रीय गर्वनर का दावा
रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले शुक्रवार को, खारकीव क्षेत्रीय गवर्नर ने कहा था कि दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में रूस के बाहर निर्मित मिसाइलों को प्रांत में दागा गया था.


हालांकि खार्किव क्षेत्रीय अभियोजकों ने कहा कि वे मंगलवार को प्रांतीय राजधानी पर हमला करने के लिए रूस द्वारा इस्तेमाल की गई तीन मिसाइलों के मूल देश की जांच कर रहे हैं. उनके बयान में उत्तर कोरिया का नाम नहीं लिया गया. अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि खार्किव शहर पर हुए हमले में दो लोग मारे गए और 62 घायल हो गए.


यूक्रेन की वायु सेना ने शुक्रवार को कहा था कि वह अभी तक संबंधित मिसाइलों के निर्माण के देश की पुष्टि नहीं कर सकी है.


अमेरिका ने यह बात नहीं की स्पष्ट
रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि प्योंगयांग ने रूस को किस प्रकार की मिसाइलें भेजी थीं. अमेरिकी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि उनकी मारक क्षमता लगभग 900 किमी (550 मील) थी. उन्होंने एक ग्राफिक जारी किया जिसमें केएन-23 और केएन-25 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (एसआरबीएम) दिखाई दे रही हैं.


2006 में पहली बार परमाणु बम का परीक्षण करने के बाद से उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध लागू हैं. 


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव - रूसी समर्थन से अनुमोदित - देशों को उत्तर कोरिया के साथ हथियारों या अन्य सैन्य उपकरणों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाते हैं.


नवंबर में, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने एक बड़े हथियार सौदे के हिस्से के रूप में रूस को एसआरबीएम की आपूर्ति की होगी जिसमें एंटी-टैंक और एंटी-एयर मिसाइलें, तोपखाने और मोर्टार गोले और राइफलें भी शामिल थीं.


मॉस्को और प्योंगयांग दोनों ही किसी भी हथियार सौदे से इनकार कर चुके हैं लेकिन उन्होंने पिछले साल सैन्य संबंधों को गहरा करने की कसम खाई थी.