Trump hush money case: मानव सभ्यता के राजनीतिक इतिहास में यह शायद पहला मौका होगा जब कोई एक देश के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाला है और उससे ठीक पहले एक मामले में उसे कोर्ट सजा सुनाने वाली होगी. अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से कुछ ही हफ्ते पहले डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क के 'हश मनी' केस में 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. हालांकि न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने संकेत दिया है कि ट्रंप को जेल नहीं भेजा जाएगा. जज ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रंप व्यक्तिगत या वर्चुअल रूप से सुनवाई में शामिल हो सकते हैं.


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केस खारिज करने की कोशिश की.. 
दरअसल, वैसे तो डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति चुनाव में जीत का हवाला देते हुए इस मामले को खारिज करने की मांग की थी. उनकी कानूनी टीम ने जज के इस फैसले की आलोचना भी की और इसे गैर-कानूनी बताया. टीम ने मांग कर डाली थी कि यह मामला तुरंत खारिज किया जाना चाहिए.


34 आरोपों में दोषी करार
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछली मई में ट्रंप को 34 आपराधिक मामलों में दोषी पाया गया था. यह मामले 2016 के चुनाव प्रचार के दौरान पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 130,000 यूएस डॉलर की चुप्पी की रकम देने और इसे छिपाने से जुड़े थे. ट्रंप ने इन आरोपों को नकारते हुए खुद को निर्दोष बताया था. उन्होंने कहा था कि यह उनके 2024 के राष्ट्रपति अभियान को नुकसान पहुंचाने की साजिश भर है.


जज का 'कंडीशनल डिस्चार्ज' का फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक जज मर्चन ने कहा कि ट्रंप को जेल भेजने की जगह उन्हें कंडीशनल डिस्चार्ज दिया जाएगा. जज ने यह भी स्पष्ट किया कि इस सजा का राष्ट्रपति पद के कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने विकल्प दिए हैं कि सजा की तारीख को 2029 तक टाला जा सकता है या ट्रंप को जेल से बचने की गारंटी दी जा सकती है.


क्या हैं ट्रंप की कानूनी चुनौतियां
ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनेंगे जो दोषी करार दिए जाने के बावजूद व्हाइट हाउस में काम करेंगे. उनके खिलाफ तीन और मामले चल रहे हैं, जिनमें गोपनीय दस्तावेजों के मामले और 2020 के चुनावी नतीजों को पलटने की कोशिश के आरोप शामिल हैं. हालांकि, उम्र, उनकी कानूनी और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप को जेल नहीं भेजा जाएगा.