हां, अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम एक हिंदू महिला जांबाज को जगह दी है. तुलसी गबार्ड को ट्रंप ने नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर बनाया है. पूर्व डेमोक्रेट तुलसी ने बाद में ट्रंप को सपोर्ट कर दिया था. ऐसे में उनकी नियुक्ति एक बड़ा फैसला है. सेना में तैनात रहीं तुलसी एक डेमोक्रेट के तौर पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उतरी थीं. हालांकि असफल रहीं. 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी (मतलब जो बाइडन की पार्टी) छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने ट्रंप के लिए कैंपेनिंग की. वह सबके सामने हिंदू धर्म का पालन करती हैं और मंच से राम-राम भजन भी गाती हैं.



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नाम में तुलसी कैसे?


दरअसल, तुलसी गबार्ड की मां हिंदू धर्म का पालन करती रही हैं जबकि पिता समोआ से हैं. हिंदू धर्म से गहरा जुड़ाव होने के कारण ही उनका नाम तुलसी रखा गया. वह सेना में रहने के दौरान इराक में भी तैनात रहीं.



सोशल मीडिया पर काफी समय से चर्चा थी कि ट्रंप की जीत के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. घोषणा के बाद उन्होंने ट्रंप का शुक्रिया अदा किया है.



माथे पर तिलक और मुंह पर राम राम


वह माथे पर तिलक लगाती हैं और हाल में इस्कॉन मंदिर के कार्यक्रम में भी शामिल हुई थीं. उस समय उन्होंने हिंदी में जयकारा लगाया था. बाद में हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे... भजन भी गाया था. दो दिन पहले ही तुलसी ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि मैं 21 साल से सोल्जर हूं और इस समय आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर सेवा दे रही हूं. 


भारतवंशी नहीं हैं तुलसी


हां, उनके नाम से यह कन्फ्यूजन जरूर हो जाता है. लोग उन्हें भारतीय मूल का समझ लेते हैं जबकि उनके नाम के पहले शब्द का ओरिजिन हिंदू है. गबार्ड का भारत से कोई कनेक्शन नहीं हैं. उनकी मां ने हिंदू धर्म अपनाया था. अब तुलसी हिंदू धर्म का पालन करती हैं.