कोलंबो: श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा ने देश में 51 दिन तक चले सत्ता संघर्ष के लिए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ किसी तरह के गठबंधन को मंजूरी नहीं देगी. राष्ट्रपति को मंगलवार को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में कुमारतुंगा ने पार्टी के भविष्य के बारे में उनसे चर्चा करने के लिए तत्काल बैठक बुलाने की अपील की. गौरतलब है कि सिरिसेना ने एक विवादित कदम के तहत प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनके स्थान पर 26 अक्टूबर को राजपक्षे को नियुक्त किया था.


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प्रधानमंत्री पद को लेकर यह खींचतान 51 दिन तक चली थी. राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे ने पिछले महीने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. सिरिसेना के राजपक्षे के साथ गठबंधन पर उनकी पार्टी के नेताओं ने ही विरोध जताया है. राजपक्षे ने श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के साथ पांच दशक पुराने रिश्ते खत्म कर लिए और नव गठित श्रीलंकन पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) में शामिल हो गए.


कुमारतुंगा के नेतृत्व वाली एसएलएफपी के एक धड़े ने सिरिसेना की आलोचना की है. कुमारतुंगा साल 2005 में राजपक्षे को नेतृत्व सौंपने के 14 साल बाद भी एसएलएफपी के वफादार बने हुए हैं. कुमारतुंगा ने कहा कि पार्टी राजपक्षे के साथ नए गठबंधन को स्वीकार नहीं करेगी. इस बीच सिरिसेना फिलीपीन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए हैं.