Flood In Bangladesh: बांग्लादेश के डेल्टाई इलाकों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है. इस आपदा में 15 से अधिक लोगों की जान चली गई है. नई सरकार के लिए बाढ़ पीड़ितों की मदद करना एक बड़ी चुनौती है. कई नदियां उफन रही हैं जिसके कारण बड़े पैमाने पर बाढ़ आई है. सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. बांग्लादेश की नई सरकार के लिए यह एक बड़ी परीक्षा है. कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं जिससे सैकड़ों गांव और शहर पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ के कारण बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है और संचार व्यवस्था भी ठप्प हो गई है.


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कम से कम 15 लोगों की मौत


सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संबाद संस्था’ (बीएसएस) की खबर के मुताबिक, आपदा प्रबंधन मंत्रालय में सचिव कमर-उल-हसन ने कहा, “ बांग्लादेश में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है और 11 जिलों के 48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.” हसन ने संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना, नौसेना, तट रक्षक, बॉडर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), अग्निशमन कर्मी, पुलिस और छात्रों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है. 


‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, इन क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर 60 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई. कॉक्स बाजार में 151 मिमी और गोपालगंज में 62 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई. मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मानसून के कारण अगले तीन दिन में देश के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा की आशंका जताई है. बांग्लादेश में 200 से ज़्यादा नदियां बहती हैं, जिनमें से 54 नदियां भारत से होकर गुज़रती हैं. 


बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र


बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बाढ़ की मौजूदा स्थिति बनी है. मौसम विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि मूसलाधार बारिश के अलावा, उफनती नदियां, अल नीनो और जलवायु परिवर्तन की घटनाएं देश में व्यापक बाढ़ के लिए जिम्मेदार कारक हैं. आपदा प्रबंधन मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम ढाका स्थित अपने नियंत्रण कक्ष से बाढ़ की स्थिति और राहत गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.”


स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, स्थिति विचित्र हो गई थी, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि या तो उपलब्ध नहीं थे या अपनी राजनीतिक संबद्धता के कारण भाग गए है. बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के बाद हसीना ने पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था और भारत चली गई थीं. इसके बाद 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला. इससे पहले बृहस्पतिवार को यूनुस ने अपनी सलाहकार परिषद (कैबिनेट के समकक्ष) की बैठक की अध्यक्षता की और सदस्यों से बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ खड़े होने को कहा.