Tomahawk Missiles: 5 खासियतें जो बनाती हैं टॉमहॉक मिसाइलों को बेहद `खतरनाक`, हूती विद्रोहियों पर लगातार दाग रहा अमेरिका
UK Strikes On Houthis: शनिवार तड़के अमेरिका ने हूती रडार साइट को निशाना बनाया है. यह हमला टॉमहॉक मिसाइलों से किया गया था जिन्हें एक युद्धपोत से लॉन्च किया गया था.
Attack on Houthi Rebels: यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले जारी है. शनिवार तड़के अमेरिका ने हूती रडार साइट को निशाना बनाया है. यह हमला टॉमहॉक मिसाइलों से किया गया था जिन्हें एक युद्धपोत से लॉन्च किया गया था. दरअसल गुरुवार से जब अमेरिका और ब्रिटेन ने हूतियों पर हमले शुरू कियो तो टॉमहॉक मिसाइलों की तरफ सब का ध्यान गया. इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना इनका काफी इस्तेमाल कर रही है. जानते हैं मिसाइलों की 5 खासियतों के बारे में जो इन्हें बेहद खास और खतरनाक बनाती हैं.
1-1000 पाउंड के हथियार ले जाने में सक्षम
सीएनएन के मुताबिक अमेरिकी नौसेना की टॉमहॉक लैंड अटैक मिसाइलें (टीएलएएम) लॉ़ फ्लाइंग क्रूज मिसाइलें हैं जो सैकड़ों मील तक 1,000 पाउंड के पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम हैं.
2-जहाज और पनडुब्बियों से किया जा सकता है लॉन्च
अमेरिकी नौसेना की फैक्ट शीट के मुताबिक, इन्हें जहाजों या पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है. टॉमहॉक्स 'इवेसिव' या नॉन लीनियर रूट पर सबसोनिक स्पीड से उड़ती हैं और एयर डिफेंस सिस्टम को मात दे सकती हैं.
3-बेहद सटीक, रूट, टारगेट बदलने में सक्षम
टॉमहॉक्स बेहद सटीक हैं, और क्योंकि ये जीपीएस-गाइडेड हैं, इसलिए लॉन्च के बाद जरूरतों के आधार पर अपना टारगेट या रूट भी बदल सकती हैं.
4- टारगेट एरिया पर मंडरा सकती हैं
फैक्ट शीट में कहा गया है, ‘मिसाइल उभरते हुए टारगेट्स को जवाब देने के लिए एक टारगेट एरिया पर मंडराने में सक्षम है.
5-युद्ध के नुकसान की जानकारी
अपने ऑन-बोर्ड कैमरे के साथ, टॉमहॉक मिसाइलें कमांडरों को युद्ध में हुए नुकसान की जानकारी प्रदान कर सकती हैं.
पहली बार इराकी सेना के खिलाफ किया गया इस्तेमाल
अमेरिका ने पहली बार 1991 में तत्कालीन इराकी सेनाओं के खिलाफ ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के दौरान युद्ध में टॉमहॉक्स का इस्तेमाल किया था, और तब से उनका इस्तेमाल कई अन्य संघर्षों में किया गया है.
बता दें यूएस-यूके ने गुरुवार से यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला बोल दिया है. हूती विद्रोही पिछले कई हफ्तों से लाल सागर में नागरिक जहाजों को निशाना बना रहे थे. इन हमलों के खिलाफ ही दोनों देशों ने यह कदम उठाया है.
हूती विद्रोदी यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करते हैं. इनका कहना है कि लाल सागर में शिपिंग मार्गों पर उनके हमले गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के समर्थन में हैं. बता दें 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले के बाद इज़राइल ने एक सैन्य हमला किया है जिसमें गाजा में 23,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे.