इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरूवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में ईश निंदा के मामले में बरी की गई ईसाई महिला आसिया बीबी स्वतंत्र नागरिक है और उन्हें देश के भीतर या बाहर कहीं भी यात्रा करने का अधिकार है. मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने 47 वर्षीय आसिया बीबी को बरी करने के न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डाक्टर मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ वह आजाद नागरिक है. वह पाकिस्तान में रहना चाहती है तो यहां रह सकती हैं. यदि बाहर जाना चाहती है तो जा सकती है. यह उनकी इच्छा है और इस पर कोई पाबंदी नहीं है.’’


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वह सुरक्षात्मक निगरानी में है और सरकार ने उनके ठिकाने के बारे में बताने से इनकार कर दिया.  फैसल ने कहा ,‘‘ मेरी जानकारी में आसिया बीबी अभी भी पाकिस्तान में है.’’ चार बच्चों की मां आसिया जल्दी ही पाकिस्तान छोड़ सकती है क्योंकि यहां उनकी जान को खतरा है. उनकी दो बेटियां पहले ही कनाडा बस चुकी हैं. उन्हें 2009 में पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब इलाके में एक खेत में काम करते समय एक मुस्लिम महिला से झगड़े के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल के कारण गिरफ्तार किया गया था.


मुस्लिम महिला की शिकायत पर स्थानीय धार्मिक नेता ने शिकायत दर्ज कराई थी. आसिया को 2010 में सुनवाई अदालत ने दोषी करार दिया और लाहौर उच्च न्यायालय ने 2014 में उसे दी गई मौत की सजा बरकरार रखी. उच्चतम न्यायालय ने हालांकि पिछले साल फैसला बदल दिया जिसके बाद कई दिनों तक इस्लामी कट्टरपंथी दलों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया.