PM in Kuwait: कुवैत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. कुवैत के अमीर के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी.
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India Kuwait Relation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऐतिहासिक कुवैत दौरे पर रवाना हो चुके हैं. 21-22 दिसंबर तक चलने वाली यह दो दिवसीय यात्रा 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कुवैत यात्रा है. इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे. इस यात्रा की एक और खास बात यह भी है कि पीएम मोदी 101 साल के पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी मंगल सैन हांडा से उनकी मुलाकात, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है.
दादा से मिलने का अनुरोध किया
दरसअल, इस मुलाकात की जानकारी मंगल सैन हांडा की नातिन श्रेया जुनेजा के एक ट्वीट से सामने आई. श्रेया ने ट्वीट कर पीएम मोदी से अपने दादा से मिलने का अनुरोध किया था. उनका मानना था कि इस अनुरोध का जवाब नहीं मिलेगा, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें हैरान कर दिया. पीएम ने ट्वीट कर लिखा, "बिल्कुल! मैं आज कुवैत में मंगल सैन हांडा जी से मिलने के लिए उत्सुक हूं." इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर दिल जीत लिया. श्रेया ने खुशी जाहिर करते हुए लिखा, "नानाजी की मुस्कान हमारे लिए बहुत मायने रखती है. आपने हमारा दिल जीत लिया."
कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे
कुवैत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. कुवैत के अमीर के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय सबसे बड़ा है, और यह यात्रा दोनों देशों के आपसी सहयोग के नए अवसर प्रदान करेगी. इसके अलावा, प्रधानमंत्री भारतीय प्रवासियों से भी मिलेंगे और उनके साथ संवाद करेंगे.
Absolutely! I look forward to meeting @MangalSainHanda Ji in Kuwait today. https://t.co/xswtQ0tfSY
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2024
यह मुलाकात भारत-कुवैत के रिश्तों में एक नया आयाम जोड़ती है. मंगल सैन हांडा से मिलने का प्रधानमंत्री का निर्णय उनके भारतीय समुदाय के प्रति सम्मान और जुड़ाव को दर्शाता है. यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि भारतीय समुदाय के लिए भी गर्व का क्षण साबित होगी.