France Violence Paris: फ्रांस में एक युवक की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद शुरू हुई हिंसा की लपटें पूरे देश में फैल गई हैं. हालात पर काबू पाने के लिए सड़कों पर हजारों की संख्या में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, गिरफ्तारियों का दौर जारी है. इसके बावजूद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस ने एक किशोर को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में गोली मार दी जिसमें नाबालिग की मौत हो गई. इस घटना के बाद फ्रांस में हिंसा भड़क उठी और लोगों का प्रदर्शन अब विकराल रूप ले चुका है.


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कैसे बढ़की हिंसा?


न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले 17 साल के किशोर की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी. नाहेल नामक किशोर की गोली मारकर हत्या की घटना का वीडियो वहीं लगे कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था. वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस ने किशोर की गाड़ी रोक रखी थी. इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. जिससे बड़े पैमाने पर अव्यवस्था पैदा हो गई है. प्रदर्शनकारियों ने कारों, कचरे के ढेर समेत कई इमारतों को फूंक दिया है. बीती तीन रातों से फ्रांस में अलग अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों की ओर से भारी आगजनी और बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें कई गाड़ियां, सरकारी दफ्तरों को तोड़फोड़ करके आग के हवाले कर दिया गया. हालात कितने बेकाबू हो चुके हैं कि शहर पर सड़कों का हाल किसी 'युद्ध' के मैदान जैसा हो गया है.


आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी के बाद भी नहीं थमी हिंसा


पुलिस सफाई पर सफाई दे रही है लेकिन पुलिस के खिलाफ लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच पुलिस के एक टॉप अधिकारी ने कहा कि हमने उसे रोकने के लिए कहा लेकिन उसने हमारी एक नहीं सुनी. पुलिस का कहना है कि किशोर ने पुलिसवाले को कुचलने के मकसद से गाड़ी बढ़ाई थी. पुलिस के बयान के बाद हिंसा थमने के बजाए और भड़क गई. कुछ जगहों पर पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश भी की गई.


बीते 72 घंटों में क्या हुआ?


गोली मारने वाले अफ़सर पर जानबूझ कर हत्या करने का मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया है. पेरिस के बाहरी इलाकों में लगा कर्फ्यू जारी है. बस और अन्य परिवहन सेवाएं बंद कर दी गई है. लगातार तीसरी रात को हुई हिंसा के दौरान देशभर से करीब 150 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. लोगों का कहना है कि पुलिस ऐसे किसी को भी गोली मार सकती है. 


सरकार का बयान


राष्ट्रपति मैक्रों ने इस घटना को अक्षम्य बताया है. वहीं गृहमंत्री गेराल्ड डारमनिन ने अपने ट्वीट में लिखा प्रदर्शनकारियों ने देशभर के स्कूलों, टाउन हॉल और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाया है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.


इस हत्या ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या फ्रांस 2005 में कई हफ्तों तक चले शहरी दंगों के बाद आगे बढ़ने में विफल रहा है. पुलिस पर सवाल उठे हैं. बीते 20 साल में यहां कई हिंसक प्रदर्शन हुए जो कुछ दिन से लेकर हफ्तों और महीनों तक चले, इसके बावजूद ऐसे हालात रोकने का कोई सिस्टम नहीं बन सका है.