Russia Ukraine War: सेना के मामले में दूसरे नंबर पर रूस आता है. रूस की सेना के पास लगभग 16 हजार टैंक, 3400 के करीब एयरक्राफ्ट है और 44 सबमरीन हैं. इसके अलावा रूस के पास क्लस्टर और वैक्यूम बम जैसे घातक हथियार हैं, जो चंद सेकंड में ही परमाणु हथियारों की तरह बर्बादी कर सकते हैं. आइए जानते हैं रूस के घातक हथियारों के बारे में.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्लस्टर बम लंबे समय तक करता है परेशान!  (Cluster Bombs)


क्लस्टर बम इतने खतरनाक होते हैं जैसे कि ये रॉकेट की तरह फायर कर रहे हो, हम इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि इसमें एक बम से कई सारे छोटे बम निकलते हैं. ये छोटे विस्फोटक निर्धारित किए गए टारगेट के आसपास नुकसान पहुंचाते हैं. इस वजह से आम लोगों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है. बम के फटने के बाद आसपास गिरने वाले छोटे विस्फोटक लंबे समय तक पड़े रहते हैं. इस वजह से युद्ध खत्म हो जाने के बाद भी इन बमों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है.


वैक्यूम बम होता है बहुत खतरनाक (Vacuum Bomb)


वैक्यूम बम थर्मोबैरिक हथियार होता है. थर्मोबैरिक हथियारों में बारूद का उपयोग नहीं किया जाता है. इस बम की शक्ति परमाणु हथियारों के बराबर मानी जाती है. इस बम को विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. इस बम को कुछ ऊंचाई पर ले जाने के बाद ईंधन में बदल दिया जाता है. जिससे ये बादलों में ऑक्सीजन के साथ मिल जाता है. बादलों में मिलने के बाद ही ये विस्फोट करते हैं. उसके बाद इसके संपर्क में आने वाली चीजें या इमारतें नेस्तनाबूद हो जाती है. हवा में विस्फोट किए जाने वाले इस वैक्यूम बम की शक्ति परमाणु हथियारों के बराबर मानी जाती है. इसमें नैनोटेक्नालोजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इस बम के धमाके से रेडिएशन का खतरा नहीं होता है.


 बेस्‍ट मानी जाती है S-400


रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम में चार अलग-अलग तरह की मिसाइलें हैं, जो 400 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं. इसमें दो अलग-अलग तरह के रडार सिस्टम लगे होते हैं, जो 600 किलोमीटर तक हवाई लक्ष्यों का पता लगा लेते हैं और साथ ही साथ 80 एरियल टार्गेट पर निशाना साधते हैं. S-400 को दुनिया का बेस्‍ट एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है.  भारत भी इन मिसाइलों को खरीदने के लिए रूस के साथ डील कर चुका है. 


एक बम से पूरा शहर खत्‍म 


रूस के पास जार नाम का एक महाविनाशक बम है, जिसे अगर यूक्रेन की राजधानी कीव पर गिरा दें तो एक बार में पूरा शहर खत्‍म हो जाएगा. इसकी क्षमता 100 मेगाटन के करीब है.


बेलगोरोड पनडुब्बी के सामने फेल है रडार 


बेलगोरोड पनडुब्बी 80 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है. सोनार भी इस पनडुब्बी का पता नहीं लगा पाती है. आपको जान कर हैरानी होगी, बेलगोरोड पनडुब्बी के कैप्टन डायरेक्‍ट रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को रिपोर्ट करते हैं.


T-14 अर्माटा


T-14 अर्माटा टैंक जो दुनिया के सबसे खतरनाक टैंक में से एक है. ये रिमोट कंट्रोल से चलता है और बिना क्रू मेंबर्स के अपने टारगेट पर सटीक निशाना साधता है. अर्माटा टैंक से एक मिनट में 10 से 12 राउंड फायरिंग हो सकती है. अर्माटा टैंक एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल से भी लैस है.   


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर