Ancient Treasure: पौधे लगाने के लिए कर रहा था खुदाई, अचानक हाथ लगा ऐसा खजाना कि उड़ गए होश!
Gaza News: तीन महीने की खुदाई के बाद किसान को बीजान्टिन-युग का एक अलंकृत मोजेक (Mosaic) मिला. मोजेक फ्लोर पर बीस्ट्स और पंछियों के 17 आइकोनोग्राफीज (Iconographies) हैं. यह मोजेक अच्छी कंडीशन में है. इस खोज ने पुरातत्व विभाग को रोमांचित कर दिया है.
Ancient Treasure Found in Gaza: कई बार हमें अनजाने में लोगों को ऐसा खजाना मिल जाता है जिसके बारे में वो सपने में भी नहीं सोचते. वह खजाना मिनटों में उनकी किस्मत भी बदल देता है. समय-समय पर ऐसी खबरें आती रहती हैं. ऐसा ही कुछ हुआ एक किसान के साथा. पौधा लगाने के लिए खुदाई करते-करते इस किसान के हाथ बेशकीमती और पुरातत्विक खजाना लग गया. हालांकि किसान ने इसे सरकार के हवाले कर दिया है, लेकिन इस खबर के चर्चे खूब हो रहे हैं.
तीन महीने तक की खुदाई
रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला गाजा का है. यहां एक फिलिस्तीनी किसान कुछ महीने पहले पौधा लगाने के लिए खुदाई कर रहा था. खुदाई करने के दारन उसकी कुदाल किसी सख्त चीज से टकराई. किसान के मन में जिज्ञासा जागी तो उसने अपने बेटे को बुलाया और दोनों तीन महीने तक वहां खुदाई करते रहे. तीन महीने की खुदाई के बाद उनको बीजान्टिन-युग का एक अलंकृत मोजेक (Mosaic) मिला. मोजेक फ्लोर पर बीस्ट्स और पंछियों के 17 आइकोनोग्राफीज (Iconographies) हैं. यह मोजेक अच्छी कंडीशन में है. इस खोज ने पुरातत्व विभाग को रोमांचित कर दिया है.
7वीं शताब्दी के आसपास का खजाना
पुरातत्व विज्ञानी रेने एल्टर का कहना है कि यह मोजेक 5वीं से 7वीं शताब्दी के बीच का है. यह स्ट्रक्चर को कब बनवाया गया, इसे लेकर साफ जानकारी अभी नहीं मिली है. इसके लिए उस जगह की सही से खुदाई करनी पड़ेगी. बता दें कि प्राचीन काल में गाजा पट्टी, मिस्र और लेवंट (Levant) के बीच ट्रेड का एक महत्वपूर्ण रूट था. यह इलाका ब्रॉन्ज एज से लेकर इस्लामिक और ओटोमन काल जैसी पुरानी सभ्यताओं के अवशेषों से भरा पड़ा है.
इसकी सुरक्षा बड़ी चिंता
गाजा के जिस इलाके में यह मोजेक मिला है वहां अक्सर इजरायल और फिलिस्तीनी के बीच संघर्ष होता रहता है. ऐसे में इस पुरातात्विक खजाने की सुरक्षा कैसे की जाए, यह बड़ा सवाल है. बताया गया है कि यह पॉइंट इजरायल के बॉर्डर से महज 1 किलोमीटर दूर है. फिलहाल जिस जमीन पर यह मोजेक फ्लोर मिला है वहां इसे टीन की शीट्स से ढक कर रख दिया गया है. वहीं, किसान को उम्मीद है कि इस अनोखे खोज की रक्षा करने के लिए सरकार की तरफ से मुआवजा मिलेगा.
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