Greenland: अंटार्कटिका की बर्फ तेजी से रही है पिघल, जानिए कौन-कौन से खतरे आ रहे हैं सामने
Research News: ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में तेजी से बर्फ पिघल रही है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर इंसान धरती के बढ़ते तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस पर रोक भी देता है तो भी दोनों ध्रुवों पर खतरा कम नहीं होने वाला है. आने वाले समय में इतनी बर्फ पिघलेगी कि इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों पर खतरा काफी हद तक बढ़ने वाला है.
Climate Change: वैज्ञानिकों के एक रिसर्च से पता चला है कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में तेजी से बर्फ पिघल रही है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर इंसान धरती के बढ़ते तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस पर रोक भी देता है तो भी दोनों ध्रुवों पर खतरा कम नहीं होने वाला है. आने वाले समय में इतनी बर्फ पिघलेगी कि इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों पर खतरा काफी हद तक बढ़ने वाला है. कोरिया के इंस्टिट्यूट ऑफ बेसिक साइंस के क्लाइमेट फिजिसिस्ट एक्सेल टिमरमैन इन दोनों ध्रुवों के पिघलने की वजह से पिछली सदी में समुद्री जलस्तर 20 सेंटीमीटर औसत की दर से बढ़ा है. इसका मतलब है कि दुनिया में रहने वाले हर 10 में से एक व्यक्ति को अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड के पिघलने से खतरा बढ़ रहा है. ऐसे लोगों को अपने रहने का स्थान जल्द बदलना होगा.
संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दोनों ध्रुवों के पिघलने से समुद्री जल स्तर बढ़ेगा और बड़े पैमाने पर लोगों का विस्थापन होगा. इसके लिए सभी को अभी से तैयार होना है. हैरानी की बात यह है कि जिस समय वैज्ञानिकों ने इन ध्रुवों पर मौजूद बर्फ के पिघलने की आशंका जताई थी. उससे पहले ही ये घटना हो जाएगी. यह स्टडी नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित भी हुई है. पुसान नेशनल यूनिवर्सिटी के क्लाइमेट साइंटिस्ट जून यंग पार्क ने कहा कि अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड में मौजूद हिमखंड बहुत तेजी से पिघल रहे हैं. आने वाला समय बहुत ही खतरनाक है. ग्लोबल वार्मिंग खतरनाक स्तर से बढ़ रहा है. अगर हम एक 10 डिग्री सेल्सियस पर रोक भी ले तो भी बर्फ की चादरों को पिघलने से कोई नहीं रोक पाएगा. अब इस प्रक्रिया को रोक पाना नामुमकिन हो गया है. अगले 130 वर्षों में समुद्री जलस्तर 100 सेंटीमीटर और बढ़ने वाला है.
साल 2022 में अंटार्कटिका का 1.36 लाख वर्ग किलोमीटर बर्फ का इलाका खत्म हो चुका है. एनएसआईडीसी के वैज्ञानिकों के मुताबिक ये एक प्राइमरी स्टडी है. मार्च महीने में दोबारा से रिपोर्ट जारी की जाएगी. जितनी बर्फ गिरेगी उतना ही तेजी से जल स्तर भी बढ़ता जाएगा. शोधकर्ता बेन वालिस ने बताया कि अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड में बर्फ के टूटकर खुले समुद्र में आने की प्रक्रिया बेहद अलग और जटिल है. अंटार्कटिका में 1000 किलोमीटर लंबा पहाड़ी इलाका है. जहां पर सिर्फ पेंग्विंस और व्हेल्स रहती हैं लेकिन पश्चिमी तट पर जमा बर्फ तेजी से पिघलकर दक्षिण समुद्र में जा रही है.
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