संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में स्कूल जाने वाले 13 से 15 साल के कम से कम 15 करोड़ बच्चे हिंसा का शिकार हुए हैं. गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में ऐसे छात्रों की गिनती की गई है जिन्हें एक महीने में डराया धमकाया गया, अथवा पहले के वर्षों में वे लड़ाई में शामिल रहे हैं. 


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इसमें यह भी कहा गया कि अनेक बच्चों के लिए स्कूल का वातावरण सुरक्षित नहीं है बल्कि खतरनाक क्षेत्र है जहां उन्हें डर के साए में पढ़ना होता है. यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोरे कहती हैं कि इन घटनाओं का छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है फिर भले ही वे अमीर देशों में रहते हों अथवा गरीब देशों में.



उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक दिन छात्र अनेक खतरों का सामना करते हैं जिसमें लड़ाई, गैंग में शामिल होने का दबाव, व्यक्तिगत तौर पर या ऑनलाइन डराना धमकाना,यौन शोषण और सशस्त्र हिंसा शमिल हैं . ’’ उन्होंने कहा कि आगे चल कर ये तनाव ,उद्विग्नता और यहां तक कि आत्महत्या तक का कारण बन सकता है .  हिंसा कभी न भूला जाने वाला सबक है जिसे कोई बच्चा नहीं पढ़ना चाहता.’’ 


इनपुट भाषा से भी