मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने की उम्मीद बढ़ गई है. अमेरिका के एक अटॉर्नी ने एक फेडरल कोर्ट में कहा कि अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के स्पष्ट प्रावधानों के तहत राणा को प्रत्यर्पित किया जा सकता है.


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यह बता सहायक अमेरिकी अटॉर्नी, क्रिमिनल अपील चीफ ब्राम एल्डेन अमेरिकी की एक अदालत में अंतिम दलीलें देते वक्त कहीं.


राणा ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ की अपील
राणा ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ के आदेश के खिलाफ अपील की है. कैलिफोर्निया की अदालत ने बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को अस्वीकार कर दिया था.


पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी राणा (63) ने मई में अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका दायर की थी. अदालत ने मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था.


'भारत और अमेरिका दोनों संधि के प्रावधान पर सहमत'
एल्डेन ने कहा, ‘राणा को संधि के स्पष्ट प्रावधानों के तहत भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. भारत ने आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए उस पर मुकदमा चलाने की संभावित वजह साबित की है.’


अटॉर्नी ने पांच जून को अदालत में दलीलें पेश करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका दोनों संधि के प्रावधान पर सहमत हुए हैं.


'राणा जानता था क्या होने जा रहा है'
राणा की पैरवी कर रहे वकील जॉन डी क्लाइन ने कहा कि संभावित वजह का समर्थन करने वाला कोई उचित सबूत नहीं है. इसके जवाब में एल्डेन ने कहा कि संभावित वजह का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत है. उन्होंने कहा कि राणा जानता था कि 2006 और 2008 के बीच भारत में क्या होने जा रहा है.


अटॉर्नी ने कहा, ‘उसने कई बार डेविड हेडली से मुलाकात की. ऐसे दस्तावेजी सबूत हैं जो हेडली की गवाही का समर्थन करते हैं, जिसमें नकली वीजा आवेदन भी शामिल हैं जो इसलिए दिए गए थे कि हेडली आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए निगरानी करने के लिए भारत में एक फर्जी बिजनेस ऑपरेट कर सके.’


कौन हैं राणा
फिलहाल लॉस एंजिलिस की जेल में बंद राणा पर मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप हैं. उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है जो 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है.


मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हुई थी. मुंबई में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक हमलों को अंजाम दिया और शहर के कई प्रमुख जगह पर लोगों की हत्या की. सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था जबकि एक असमल कसाब जिंदा गिरफ्तार हुआ था जिसे बाद में फांसी दी गई.