बढ़ रही धरती की तपन, सबसे ज्यादा कहर इस साल...कानों से धुआं निकाल देंगे ये आंकड़े
Hottest Year on Earth is 2024: धरती कितनी तेजी से तप रही है और इसका भविष्य कैसा होने जा रहा है, इसका जवाब कोपरनिकस की रिपोर्ट दे रही है. यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस के अनुसार साल 2024 धरती पर अब तक का सबसे गर्म साल रहा.
Hot Year 2024: दुनिया तबाही की ओर बहुत तेजी से बढ़ रही है. साल 2024 ऐसा पहला साल रहा जब दुनिया का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा. जिसने साल 2024 को धरती पर अब तक का सबसे गर्म साल बना दिया. यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वर्ष 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा और ऐसा पहला वर्ष रहा.
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जनवरी से जून तक हर साल बेहद गर्म
यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने कहा कि 2024 में जनवरी से जून तक का हर माह अब तक का सबसे गर्म महीना रहा. वहीं जुलाई से दिसंबर तक, अगस्त को छोड़कर हर माह 2023 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर दूसरा सबसे गर्म माह रहा.
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1850 से मापा जा रहा धरती का तापमान
कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) के वैज्ञानिकों के अनुसार 1850 में जब से वैश्विक तापमान की माप शुरू हुई है तब से 2024 सबसे गर्म वर्ष रहा. यानी कि ज्ञात ठोस आंकड़ों की बात करें तो भी साल 1850 के बाद से अब तक सबसे गर्म साल रहा 2024.
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वहीं औसत वैश्विक तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस रहा - जो 1991-2020 के औसत से 0.72 डिग्री अधिक और 2023 से 0.12 डिग्री अधिक है. वैज्ञानिकों ने पाया कि 2024 में औसत तापमान 1850-1900 की आधार रेखा से 1.60 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा.
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ग्रीनहाउस गैसें बढ़ीं
वैज्ञानिकों का मानना है कि वैश्विक तापमान में इस बढ़ोतरी का प्रभाव वैश्विक मौसम और पारिस्थितिकी तंत्र पर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा. इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने कहा कि साल 2024 में वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस का स्तर अब तक के सबसे उच्च वार्षिक स्तर पर पहुंच गया. कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 2023 की तुलना में 2.9 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) अधिक था, जो 422 पीपीएम तक पहुंच गया, जबकि मीथेन का स्तर 3 भाग प्रति बिलियन (पीपीबी) बढ़कर 1897 पीपीबी तक पहुंच गया. (एजेंसी इनपुट के साथ)