वाशिंगटन: कोविड-19 रोधी टीके दुनिया में आसानी से कब उपलब्ध होंगे? विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 या उसके बाद कुछ देशों में टीके आसानी से उपलब्ध होंगे. मौजूदा समय में अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन उन देशों में शामिल हैं, जिसने अपनी आधी या इससे ज्यादा आबादी को कम से कम एक खुराक मुहैया करा दी है. दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे कुछ देशों में एक प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है. वहीं, अफ्रीका में 12 देशों को टीके की खुराक नहीं मिली है.


टीके की उपलब्धता बनी रहने की कोशिश


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टीके की उपलब्धता कई पहलुओं पर निर्भर करती है. इसमें खरीदारी क्षमता, देश में टीका निर्माण की क्षमता, कच्चे माल तक पहुंच और वैश्विक बौद्धिक संपदा कानून शामिल हैं. अमेरिका ने टीके पर पेटेंट छोड़ने का समर्थन किया है. लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि इस मुद्दे पर दुनिया के देशों में कब सहमति बन पाएगी और ऐसा होता है तो टीका निर्माण को कब गति मिलेगी. वैश्विक स्तर पर टीके मुहैया कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ पहल पर भी कुछ देशों में निर्यात पर पाबंदी लगाए जाने के कारण गहरा असर पड़ा है.


2023 तक भी कई देश नहीं लगवा पाएंगे टीका


ड्यूक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अप्रैल में कहा कि ‘कोवैक्स’ पहल के बावजूद कई देश 2023 या उसके बाद भी 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण नहीं कर पाएंगे. जार्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ मैथ्यू कवनाघ ने कहा, 'अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अमीर देशों ने सभी उपलब्ध खुराकों का पहले ही ऑर्डर दे दिया था और अब कई देश जिनके पास धन है, वे भी टीके खरीदने के लिए इंतजार कर रहे हैं.