International Space Station News: नासा का इरादा 2030 के अंत तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) का संचालन जारी रखने का है, जिसके बाद आईएसएस प्रशांत महासागर के एक दूरस्थ हिस्से में  क्रैश हो जाएगा जिसे प्वाइंट निमो के नाम से जाना जाता है. पिछले साल इसके भविष्य को रेखांकित करने वाली प्रकाशित योजनाओं में यह जानकारी सामने आई थी. बता दें आईएसएस पृथ्वी की निचली कक्षा में सबसे बड़ा मॉड्यूलर अंतरिक्ष स्टेशन है. 20 नवंबर 1998 को इसे लॉन्च किया गया था.


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नासा ने कहा कि व्यावसायिक रूप से संचालित अंतरिक्ष प्लेटफार्म वैज्ञानिक अनुसंधान के स्थल के रूप में आईएसएस की जगह लेंगे.


यह है नासा का प्लान
नासा मुख्यालय में वाणिज्यिक अंतरिक्ष के निदेशक फिल मैकएलिस्टर ने एक बयान में कहा, ‘निजी क्षेत्र नासा की सहायता से वाणिज्यिक निम्न-पृथ्वी कक्षा स्थलों को विकसित करने और संचालित करने में तकनीकी और वित्तीय रूप से सक्षम है.


मैकएलिस्टर ने एक बयान में कहा,  ‘हम निजी क्षेत्र के साथ सीखे गए सबक और संचालन अनुभव को साझा करने के लिए तत्पर हैं ताकि उन्हें अंतरिक्ष में सुरक्षित, विश्वसनीय और लागत प्रभावी गंतव्य विकसित करने में मदद मिल सके.’


मैकएलिस्टर ने कहा, ‘हमने कांग्रेस को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 2030 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की रिटायरमेंट के बाद वाणिज्यिक गंतव्यों के लिए एक सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए हमारी व्यापक योजना का विस्तार से वर्णन किया गया है.’


दक्षिणी प्रशांत महासागार में गिराया जाएगा आईएसएस
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ट्रांजिशन रिपोर्ट में, नासा ने कहा कि आईएसएस को दक्षिण प्रशांत महासागरीय निर्जन क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले क्षेत्र में पृथ्वी पर गिराने की योजना. इस क्षेत्र को प्वाइंट निमो भी कहा जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बजट अनुमान में माना गया है कि यह जनवरी 2031 में आर्बिट से बाहर होगा.