Tension Between Hungary and European Union: सेंट्रल यूरोप में स्थित हंगरी देश से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां की सरकार ने गुरुवार को यूरोपीय संसद में उस वोटिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें घोषित किया गया है कि हंगरी में अब “पूर्ण लोकतंत्र” नहीं है और यूरोपीय संघ को यहां काम करने की आवश्यकता है. मेंबर ऑफ यूरोपियन पार्लियामेंट (MEP) ने इस प्रस्ताव के पक्ष में 433 वोट दिए, जबकि 123 वोट खिलाफ में आए.


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क्या कहा गया हंगरी को


यूरोपीय संसद ने हंगरी को यूरोपीय संघ के लोकतांत्रिक मानदंडों के गंभीर उल्लंघन का दोषी माना है. साथ ही यहां के शासन की भी आलोचना की है. इस दौरान इस स्थिति के लिए यूरोपीय संघ की निष्क्रियता को भी दोषी ठहराया गया और कहा गया कि यूरोपीय संघ के कोविड रिकवरी फंड को बुडापेस्ट (हंगरी की राजधानी) को देना तब तक के लिए बंद कर दिया जाए चब तक चीजें ठीक नहीं हो जातीं.


हंगरी की पुतिन से नजदीकी की चर्चा


बता दें कि यह वोटिंग काफी हद तक प्रतीकात्मक थी. हकीकत में यूरोपीय संघ की तरफ से किसी मुद्दे पर फैसले को लागू करने के लिए सभी 27 सदस्य राज्यों की सहमति की जरूरत होती है और इसमें हंगरी का वोट भी शामिल है. हालांकि हंगरी के मौजूदा प्रधान मंत्री विक्टर ओरबान को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता है. यही वजह है कि यूक्रेन घटनाक्रम को जोड़ते हुए हंगरी पर यूरोप के दूसरे देशों की पूरी नजर है.


हंगरी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया


हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने बुडापेस्ट इस वोटिंग के बाद पत्रकारों से कहा: ‘अगर कोई हंगरी की लोकतंत्र की क्षमता पर सवाल उठाता है तो मैं इसे हंगरी के हर एक व्यक्ति का अपमान मानता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘वह यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि ब्रसेल्स और स्ट्रासबर्ग में कुछ लोगों ने उनके देश को कमजोर करने पर जोर दिया.’


यूरोप संघ ने आलोचना पर क्या कहा


दूसरी तरफ अपने वोट के साथ, यूरोपीय संघ के सांसदों ने एक संसदीय रिपोर्ट का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि हंगरी 2018 से "हंगेरियन सरकार के जानबूझकर और व्यवस्थित प्रयासों" के माध्यम से लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों पर पीछे हट रहा है. इस रिपोर्ट में हंगरी में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, भ्रष्टाचार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शैक्षणिक स्वतंत्रता को भी शामिल किया गया था. रिन्यू यूरोप ग्रुप के एमईपी फैबिएन केलर ने मौजूदा स्थिति पर कहा, ‘यदि हंगरी आज यूरोपीय संघ में प्रवेश करने के लिए एक उम्मीदवार के रूप में आता तो उसका शामिल होना असंभव था.‘


करप्शन है बड़ी चिंता


यूरोपियन कमीशन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने बुधवार को यूरोपीय संसद में अपने स्टेट ऑफ द यूरोपियन यूनियन संबोधन में कहा कि यूरोपीय संघ को हमारे लोकतंत्रों के लिए लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें बाहरी खतरों के साथ-साथ अंदर के खतरों से भी लड़ना चाहिए. हालांकि उन्होंने हंगरी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए कानूनी कार्रवाई का वादा किया.


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