Ro khanna and Vijaya Gadde Name in Laptop Controversy: जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के लैपटॉप से जुड़े विवाद में एक के बाद एक खुलासे होते जा रहे हैं. दुनिया के सबसे रईस औऱ ट्विटर के नए सीईओ एलन मस्क की ओर से इस विवाद में अचानक सक्रियता बढ़ गई है. इस  बार उन्होंने जो चौंकाने वाला खुलासा किया है, उसकी चर्चा भारत में भी खूब हो रही है. दरअसल, इस विवाद में अब उन्होंने भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना और विजया गड्डे का भी नाम ले लिया है. एलन मस्क का कहना है कि वह ट्विटर पर जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा करेंगे. मस्क ने शुक्रवार को दावा किया था कि हंटर बाइडन के लैपटॉप के बारे में ‘न्यूयार्क पोस्ट’ ने जो विवादास्पद खबर प्रकाशित की थी, उसे ट्विटर ने दबा दिया था. उन्होंने कहा कि अब वह उसका विवरण जारी करेंगे.


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इस वजह से उछला है दोनों का नाम


बता दें कि खन्ना डेमोक्रेटिक सांसद हैं और वह प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में सिलिकन वैली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि विजया गड्डे एलन मस्क के अधिग्रहण से पहले माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की कानून एवं नीति प्रमुख के रूप में कार्य कर रही थीं. लेखक मैट टैब्बी की ओर से जारी सूचना के अनुसार, ऐसा जान पड़ता है कि खन्ना ने हंटर के लैपटॉप पर न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट की ‘लिंक’ तक पहुंच को सीमित करने के ट्विटर के फैसले पर सवाल उठाया. मस्क ने एक ट्वीट में कहा, ‘रो खन्ना महान हैं.’ खन्ना ने गड्डे को भेजे गोपनीय ईमेल में ट्विटर के तथाकथित ‘सेंसरशिप’ का विरोध किया था.


रो खन्ना ने विजया गड्डे से क्या कहा था


खन्ना ने गड्डे से कहा, ‘मैं बाइडन के पूर्ण समर्थक के तौर यह कहता हूं और मानता हूं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, लेकिन अब यह विषय ईमेल से अधिक सेंसरशिप के बारे में हो गया है और यह पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.’
खन्ना ने गड्डे को लिखा, ‘राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान अखबार की रिपोर्ट (भले ही न्यूयार्क पोस्ट धुर दक्षिणपंथी हो) के प्रसार को बाधित करने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह अच्छा करने के बजाय कहीं अधिक आलोचना को जन्म देगा.’ खन्ना ने गड्डे से उनके ईमेल की विषय वस्तु साझा नहीं करने का अनुरोध किया था. गड्डे ने खन्ना को भेजे जवाब में ट्विटर की नीति और न्यूयार्क पोस्ट की खबर पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट के फैसले का बचाव किया. 


क्या है असली विवाद


दरअसल, अक्टूबर 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन जमकर प्रचार कर रहे थे. तभी 'द न्यूयॉर्क पोस्ट' ने यूक्रेन की एनर्जी कंपनी बुरिस्मा से जुड़ी एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट छापी. इसमें बताया गया कि जो बाइडन के बेटे हंटर कभी इसके निदेशक रह चुके थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ एक रिपेयर शॉप में आए एक लैपटॉप से कुछ ईमेल मिले. जिनसे जानकारी हुई कि जो बाइडन जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे, तब हंटर ने इस फ़र्म के एक आला अधिकारी के सामने कारोबारी रिश्तों के लिए अपने सरनेम यानी पिता के प्रभाव का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि जो बाइडन ने बुरिस्मा के संस्थापक की जांच कर रहे यूक्रेन के एक अभियोजक को बर्खास्त कराने के लिए दबाव भी बनाया. इसी खबर को ट्विटर पर दबाने का आरोप है.


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