Israel-Hamas War: 7 अक्टूबर 2023 को जब इजरायल पर हमास ने अब तक का सबसे खतरनाक हमला बोला तो दुनिया हैरान रह गई. गाजा बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर हमास के लड़ाकों ने नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में अटैक किया तो वहां मौजूद लोग जान बचाकर भागने लगे. इन्हीं में एक थीं मोरन यानाई, जिनको हमास पहले भी दो बार बंधक बना चुका था. तब उन्होंने यह कहकर जान बचाई थी कि वह अरब हैं यहूदी नहीं. 


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लेकिन इस बार स्थिति वैसी नहीं थी. हमला हुआ तो वह भागीं और भागते-भागते उनका पैर टूट गया और हमास के आतंकवादियों ने उनको कैद कर लिया. उन्होंने कहा कि इस बार आतंकवादी बख्शने के मूड में नहीं थे. उन्होंने बात भी नहीं की और मुझे पकड़ लिया. उन्होंने बाकी लोगों पर मुझे फेंका और कार में डालकर चल दिए. दो आतंकवादी आगे थे. चार पीछे की सीट पर और तीन बूट स्पेस में. मैं बाकी लोगों के ऊपर थी. 


'फिर मेरी आंखें बंद हो गईं'


मोरन ने आगे कहा, 'जैसे ही गाजा बॉर्डर पार हुआ तो उनको कंटीली तारों से उस पार भीड़ नजर आई और फिर उनकी आंखें बंद हो गईं.' बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'यह ऐसा था जैसे कोई सांड बड़े से अखाड़े में आ गया हो. हर कोई खुश था-बच्चे, औरतें और पुरुष. वहां हजारों की तादाद में लोग थे. तभी उनको लगा कि कार रुकी और दरवाजा खुल गया. मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे पैर खींचने की कोशिश कर रहा है.'


54 दिन तक हमास की कैद में रहने वाली मोरन ने कहा, 'उस वक्त आपको यही लगता है कि हमें जल्दी से मार दो. सिर में गोली मारो और मुझे कुछ भी महसूस नहीं होगा. अगर ऐसा ही होने वाला है तो ऐसा जल्दी करो. तभी कार का दरवाजा बंद हो गया और गाड़ी फिर चलने लगी. बाद में उनको पता चला कि जिस समूह ने उनको पकड़ रखा है, उसने उन्हें हमास को बेच दया है.' 54 दिन की कैद में उनको 7 अलग-अलग जगहों पर रखा गया और उन्होंने जीने की रणनीति भी सीख ली. 


'बेटी से शादी की मांगी थी इजाजत'


मोरन ने कहा, 'हर बार यही जताना पड़ता था कि पिछली जगह पर सब ठीक था और उनके किडनैपर्स उनके दोस्त जैस थे.' एक मौका ऐसा भी आया जब उनको एक 18 साल की लड़की के साथ रखा गया. वह नंगे पैर और पजामे में थी. थोड़ी बहुत अरब भाषा समझने वाली मोरन ने सुना कि आतंकी यह चर्चा कर रहे थे कि कौन इन महिलाओं को अपनी पत्नी बनाएगा. उन्होंने कहा कि वह उस लड़की की मां को भी ले आए थे और उससे उनकी बेटी से शादी करने की इजाजत मांग रहे थे. 


जब पूछा गया कि क्या बंधकों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था तो मोरन ने कहा कि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ लेकिन उन्होंने अन्य महिला बंधकों से यह सुना था कि उनके साथ गाजा में रेप हुआ था. उन्होंने कहा कि आतंकियों ने उनके साथ मारपीट की थी और उस स्थिति में वह एकदम शक्तिहीन थीं, जहां पल भर में कुछ भी हो सकता था. पिछले साल नवंबर में सीजफायर के दौरान 54 दिन की कैद के बाद मोरन रिहा हुईं.